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राज्यसभा : केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर 'आप' ने प्रश्न उठाया

राज्यसभा में सोमवार को सप्लीमेंट्री ग्रांट पर बोलते हुए कई विपक्षी सांसदों ने बेरोजगारी, महंगाई की बात रखी

राज्यसभा : केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर आप ने प्रश्न उठाया
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नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को सप्लीमेंट्री ग्रांट पर बोलते हुए कई विपक्षी सांसदों ने बेरोजगारी, महंगाई की बात रखी। इस दौरान आम आदमी पार्टी में केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर प्रश्न उठाया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, सब्सिडी है और दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी को मुफ्त की रेवड़िया कहा जाता है।

राघव चड्ढा ने कहा कि सप्लीमेंट्री डिमांड फॉर ग्रांट में सरकार ने 3.25757 लाख करोड़ रुपए मांगे हैं। इसमें एक लाख करोड़ एक सब्सिडी के लिए हैं। 80 हजार करोड़ रुपए दूसरी सब्सिडी के लिए हैं। 45 हजार करोड़ तीसरी सब्सिडी के लिए हैं। यह डिमांड फॉर ग्रांट कहां है, यह तो डिमांड फॉर सब्सिडी है। चड्डा ने कहा कि दिल्ली सरकार जब लोगों को निशुल्क बिजली पानी जैसी सुविधाएं देती है तो वह रेवड़ियां कहलाई जाती हैं।

राघव चड्ढा ने कहा कि सरल भाषा में कहूं तो वित्तीय वर्ष की शुरूआत में सरकार को जितना खर्च आवंटित किया गया था वह सारा पैसा खर्च करने के बाद आज अतिरिक्त पैसा मांगने सरकार सदन में आई है। काश यह सुविधा देश के सामान्य व्यक्ति के पास भी होती जो महीने की 25 तारीख को अपना बटुआ खाली देख कर 5 दिन संघर्ष करके 1 तारीख आने का इंतजार करता है।

राघव ने कहा कि पहली बात यह है कि जब सरकार को वित्तीय वर्ष की शुरूआत में पैसा चाहिए था तो सरकार ने अपना जो बजट था उसे अंडरस्टीमेट करके प्रस्तुत किया ताकि वित्तीय घाटे का सौंदर्यकरण करके दिखाया जा सके। अगर यह नहीं है दूसरी स्थिति अवश्य होगी कि सरकार ने अपना बजट पूरी तरह से मिस मैनेज कर दिया। इन दोनों में से कोई एक स्थिति होगी जिसके कारण सरकार को अतिरिक्त पैसे की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक इंडिकेटर संकट का अलार्म बजा रहे हैं। हम सारे लोग बजट पर चर्चा उसी समय करते हैं जब बजट प्रस्तुत किया जाता है। हमें सदन में दो बार बजट पर चर्चा करनी चाहिए। एक बार जब बजट प्रस्तुत हो और फिर विंटर सेशन में सात-आठ महीने बीतने के बाद चर्चा होनी चाहिए कि इस बजट से देश को हासिल क्या हुआ, कितनी नौकरियां मिली कितनी प्रगति हुई। राघव चड्ढा ने कहा कि अभी बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

राघव चड्ढा ने डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमतों पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज एक डॉलर की कीमत 82 रुपये के बराबर हो गई है। उन्होंने कहा कि जब भी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता है तो भारत का एक्सपोर्ट बढ़ जाता है लेकिन अभी स्थिति यह है कि एक्सपोर्ट नहीं बढ़ रहा है।


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