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राजौरी मुठभेड़ से जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति का दावा बेनकाब : महबूबा

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी मुठभेड़ में दो अधिकारियों सहित चार सैन्यकर्मियों के शहीद होने की घटना केन्द्रशासित प्रदेश में सामान्य स्थिति होने के केन्द्र के दावों को झुठलाती है।

राजौरी मुठभेड़ से जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति का दावा बेनकाब : महबूबा
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श्रीनगर । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी मुठभेड़ में दो अधिकारियों सहित चार सैन्यकर्मियों के शहीद होने की घटना केन्द्रशासित प्रदेश में सामान्य स्थिति होने के केन्द्र के दावों को झुठलाती है।

सुश्री मुफ्ती आज दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक सार्वजनिक रैली के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं। उन्होंने कहा,“राजौरी में सैनिक शहीद हो गए। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रोज दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में हालात बिल्कुल सामान्य हैं और आतंकवाद खत्म हो गया है और दूसरी तरफ जवान शहीद हो रहे हैं। साथ ही, आतंकवाद के नाम पर कश्मीर के लोगों का जीवन दयनीय बना दिया गया है। मुझे समझ नहीं आता कि अगर वे कहते हैं कि स्थिति में सुधार हुआ है, तो हमारे जवान क्यों शहीद हो रहे हैं?”

पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि हर दिन गिरफ्तारियां हो रही हैं और जम्मू-कश्मीर में लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “इन चीजों पर कोई बात नहीं कर सकता।”

पीडीपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए कर्मचारियों की भर्ती करने की तुलना में अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त करके एक तरह का घिनौना रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है जो खुद वकील हैं, न्यायाधीश हैं और खुद ही फैसले सुनाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा कर्मचारियों को बर्खास्त करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए कर्मचारियों की भर्ती करने की तुलना में अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त करके एक तरह का घृणित कृत्य है। सरकार यह भी नहीं सोचती कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, उनका परिवार कैसे अपना पेट भरेगा। वे कहाँ जाएंगे? मुझे लगता है कि झूठे तुच्छ आधारों पर कश्मीरियों की आजीविका छीनना न केवल सामूहिक सजा है, बल्कि यह उस तरीके का भी प्रतीक है जिसमें सभी कश्मीरियों पर अविश्वास किया जाता है और उन्हें दैनिक आधार पर अपमानित किया जाता है।'

गौरतलब है कि राजौरी जिले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों सहित चार सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे और दो अन्य घायल हुए हैं।


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