Top
Begin typing your search above and press return to search.

सीमा विवाद पर अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक करेंगे राजनाथ सिंह

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंघे शुक्रवार को बैठक कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा करेंगे

सीमा विवाद पर अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक करेंगे राजनाथ सिंह
X

मॉस्को/नई दिल्ली। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंघे शुक्रवार को बैठक कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस) के रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए मास्को में हैं।

इससे पहले राजनाथ सिंह रक्षा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक प्रतिनिधिमंडल के साथ, द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की विजय को चिह्न्ति करने वाले 'विजय दिवस' की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे।

संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक सुरक्षा वास्तुकला के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों में खुला, पारदर्शी, समावेशी, नियम आधारित होगा।

उन्होंने कोरोनावायरस महामारी के सफलतापूर्वक प्रबंधन के लिए रूस को भी बधाई दी। राजनाथ ने कहा, हम स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए रूसी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं की सराहना करते हैं। मैं महामारी के इस समय में आप सभी के स्वास्थ्य और सफलता की कामना करता हूं!

मंत्री ने वार्षिक आतंकवाद-रोधी अभ्यास पीस मिशन के आयोजन के लिए भी रूस की सराहना की, जिसने रक्षा बलों के बीच विश्वास और अनुभव साझा करने में योगदान दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि चरमपंथी प्रोपेगेंडा और डी रेडिकलाइजेशन को काउंटर करने के लिए एससीओ द्वारा आतंकवाद विरोधी तंत्र को स्वीकार करना जरूरी है। उन्होंने चरमपंथ के प्रसार को रोकने के लिए साइबर डोमेन में हाल के कामों की सराहना भी की।

राजनाथ सिंह ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से कहा कि पारंपरिक, गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की आवश्यकता है।

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत स्पष्ट रूप से सभी रूपों में आतंकवाद और इसके समर्थकों की निंदा करता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के 75 साल पूरे हो गए हैं और संयुक्त राष्ट्र की उत्पत्ति के भी, जिसका मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण विश्व बनाना था, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून और देश की संप्रभूता का सम्मान हो, किसी भी देश को एकतरफा आक्रामकता के शिकार होने से बचाया जा सके।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it