राजकोट मंडल ने चलायी 117 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें
पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल से गत मई में विभिन्न राज्यों के लिए 117 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी गयीं

राजकोट । पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल से गत मई में विभिन्न राज्यों के लिए 117 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी गयीं।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रवीन्द्र श्रीवास्तव ने सोमवार को बताया कि राजकोट मंडल ने पांच मई से 30 मई तक 117 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को सफलतापूर्वक चलाकर करीब 1.73 लाख प्रवासी मजदूरों एवं उनके परिजनों को उनके घर पहुंचाया। इनमें से 60 ट्रेनें उत्तर प्रदेश, 24 बिहार, 11 मध्य प्रदेश, आठ उड़ीसा, आठ झारखंड, पांच पश्चिम बंगाल और एक केरल के लिए चलाई गईं।
राजकोट से 67, मोरबी से 29, जामनगर से 16, सुरेन्द्रनगर से तीन तथा थान से एक और ओखा स्टेशन से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन को चलाया गया। राजकोट मंडल से ये ट्रेनें देश के 33 विभिन्न शहरों बलिया, भागलपुर, रतलाम, छपरा, वाराणसी, सतना, मेघनगर, आजमगढ़, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, गोरखपुर, जौनपुर, गोंडा, गाजीपुर सिटी, मुजफ्फरपुर, बरेली, शाहजहाँपुर, दानापुर, देवरिया, बाका, अरारिया, हाटिया, हावड़ा, टाटानगर, कानपुर, भोपाल, शाजापुर, बालासोर, बस्ती, कासगंज, ग्वालियर, बलांगीर, तिरुवनंतपुरम और बंदेल स्टेशनों के लिए चलाई गईं।
जिला प्रशासन द्वारा संबन्धित राज्यों से अनुमति मिलने के बाद रेलवे अधिकारियों से परामर्श करके इन विशेष ट्रेनों को चलाने की प्लानिंग की जाती थी। कम समय में अधिक से अधिक ट्रेनें चलाकर सौराष्ट्र में फंसे हुए मजदूरों को जल्दी से जल्दी उनके घर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन तथा रेल अधिकारियों ने भरसक प्रयास किए। थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद मजदूरों तथा उनके परिजनों को बस में स्टेशन लाया जाता। इसके बाद रेलवे एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की देखरेख में रेलवे सुरक्षा बल तथा जीआरपी स्टाफ द्वारा सोशल डिस्टेन्सिंग का पूरा ध्यान रखते हुए उन्हे स्टेशन पर एंट्री दी जाती थी।
हरेक यात्री को जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं (एनजीओ) की सहायता से पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतलें, नाश्ता, ओआरएस के पैकेट, सेनीटाइज़र, सोप स्ट्रिप, मास्क , भोजन के पैकेट, छोटे बच्चों के लिए खिलौने, बेग, चोकलेट, बिसकीट इत्यादि स्टेशन में आते ही दे दिये जाते। कम समय में सभी यात्रियों को ट्रेन के कोच में क्रमबद्ध तरीके से बिठाने का कार्य स्टेशन पर तैनात सभी टिकट चेकिंग स्टाफ ने बखूबी किया। कई अवसर पर जब मजदूरों के पास अधिक सामान होता तब ट्रेन में समय से सामान पहुंचाने के लिए वाणिज्य विभाग के अधिकारियों द्वारा तुरंत ही कुली की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कारवाई गयी।


