Top
Begin typing your search above and press return to search.

राजीव गांधी भारत में बदलाव लेकर आए : किताब

भारत के संवैधानिक इतिहास में राजीव गांधी शायद ऐसे एकमात्र प्रधानमंत्री होंगे जो सबसे कम समय -कार्यकाल के पहले तीन वर्षो- में देश में नाटकीय बदलाव लेकर आए।

राजीव गांधी भारत में बदलाव लेकर आए : किताब
X

चंडीगढ़ | भारत के संवैधानिक इतिहास में राजीव गांधी शायद ऐसे एकमात्र प्रधानमंत्री होंगे जो सबसे कम समय -कार्यकाल के पहले तीन वर्षो- में देश में नाटकीय बदलाव लेकर आए। लेखक अश्विनी भटनागर ने हाल ही में लॉन्च अपनी किताब 'द लोटस ईयर्स, पॉलिटिकल लाइफ इन इंडिया इन द टाइम ऑफ राजीव गांधी' में यह बात लिखी है।

वह कहते हैं, "एक आकांक्षाओं से भरा भारत, जिसे हम आज अच्छी तरह पहचानते हैं। 21सदीं का भारत और इसके साथ-साथ हमारे जनसांख्यिकीय लाभ और इसके आर्थिक मूल्य उनकी मूल विरासत है। इसके अलावा दूरसंचार क्रांति, पंचायती राज, आर्थिक उदारीकरण और भी बहुत कुछ उनकी ही देन है।"

एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "राजीव केवल कुर्सी पर बैठकर सोचने वाले नहीं थे, बल्कि काम करने वाले व्यक्ति थे। वह तुरंत समस्याओं को पहचान लेते थे और उसी के मुताबिक तत्काल समाधान खोजने में जुट जाते थे। न कि अन्य राजनेताओं, खास कर कांग्रेस के नेताओं की तरह, जो जुमलों में भरोसा करते थे, बल्कि वह हमेशा नतीजे देने में विश्वास करते थे। उस दिन को याद कीजिए जब 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के तत्काल बाद उन्होंने पद संभाला था और दूरसंचार प्रणाली में गड़बड़ी देख दूरसंचार प्रमुख को बर्खास्त कर दिया था। तीन साल में ही उन्होंने दूरसंचार प्रणाली के लिए ऐसा तंत्र तैयार किया, जिसने देश के संचार क्षेत्र में क्रांति ला दी। इस योजना के मुख्य शिल्पी सैम पित्रोदा थे और उन्होंने इसका सही निष्पादन भी किया।"

एक सवाल के जवाब में भटनागर ने कहा, "राजीव गांधी एक प्रधानमंत्री के तौर पर खासा कामयाब रहे, लेकिन राजनेता के तौर पर उनका ट्रैक रिकॉर्ड कम सफल रहा। ऐसा इसलिए नहीं कि उनमें इच्छाशक्ति की कमी थी, बल्कि उन्हें राजनीतिज्ञ के तौर पर धोखा दिया गया, वह भी कांग्रेसियों ने ही दिया।"

भटनागर एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो कि 1980-90 के दशक में द पायोनियर, द टाइम्स ऑफ इंडिया में बतौर राजनीतिक संवाददाता रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किताब राजीव गांधी और उनकी राजनीति को लेकर उनके व्यक्तिगत विचारों पर आधारित नहीं है। बल्कि उस दौरान की गई उन इवेन्ट्स की रिपोर्टिग के आधार पर है, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे।

किताब के नाम को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में भटनागर ने कहा कि राजीव और कमल पर्यायवाची शब्द हैं। उनके नानाजी ने अपनी पत्नी कमला के नाम पर उन्हें यह नाम दिया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it