राजिम कुंभ कल्प मेला कल से
राजिम कुंभ कल्प 2018 का शुभारंभ कल 31 जनवरी माघी पूर्णिमा से शुरू हो जाएगा,

राजिम। राजिम कुंभ कल्प 2018 का शुभारंभ कल 31 जनवरी माघी पूर्णिमा से शुरू हो जाएगा, जो 13 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। इसके अंतर्गत 07 से 13 फरवरी तक विराट संत समागम समारोह होगा, जिसमें शंकराचार्य स्वामी, महामंडलेश्वरों, आचार्य वृंद, पीठाधिश्वरों, संत-महात्माओं, के अलावा देश के कई प्रदेशों से ख्याति प्राप्त मंदिर, मठों, अखाड़ों और आश्रमों से जाने-माने साधु-संतों की उपस्थिति रहेगी। साथ ही राष्ट्रीय संत असंग जी साहेब का आध्यात्मिक प्रवचन 07 से 13 फरवरी तक प्रतिदिन 3 से 6 बजे एवं 07 फरवरी को जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपांनद सरस्वती जी महाराज, 10 से 11 फरवरी सद्भावना सत्संग सतपाल जी महाराज का होगा इसके अलावा भव्य गंगा आरती दीदी मां साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्या में प्रतिदिन शाम 6 बजे से 7 बजे तक आयोजित है।
राजिम कुंभ कल्प मेला त्रिवेणी संगम तीन नदियों पैरी, सोढूर एवं महानदी और तीन जिलों रायपुर, धमतरी एवं गरियाबंद का भी संगम है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मार्गदर्शन में तीनों जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी कुंभ की तैयारी में रात-दिन लगे हुए हैं।
धर्मस्व मंत्री के निर्देश के अनुसार कुंभ के लिए पिछले वर्षों की तुलना में सभी विभागों द्वारा अधिक से अधिक व्यवस्थाएं की गई हैं। कुंभ के लिए एक स्थाई कन्ट्रोल रूम स्थापना की गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राजिम के त्रिवेणी संगम पर हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक लगने वाले परम्परागत मेले को वर्ष 2006 से राजिम कुंभ के रूप में आयोजित करने का सिलसिला शुरू किया है। राजिम कुंभ शुरू होने से यहां पर लगने वाले माघी पुन्नी मेला को एक नई पहचान मिली है।
राजिम कुंभ की ख्याति देश-विदेश में फैल चुकी है। पूरे मेले क्षेत्र में विभिन्न व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक संपन्न कराने धर्मस्व सचिव सोनमणी बोरा, कमिश्नर एवं मेलाधिकारी बृजेशचंद मिश्रा, प्रबंध संचालक एवं अध्यक्ष राजिम कुंभ मेला स्थानीय समिति एमटी नंदी, संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व जितेन्द्र शुक्ला, ओएसडी एवं सदस्य सचिव राजिम कुंभ मेला गिरीश बिस्सा सहित राजिम कुंभ मेला स्थानीय समिति के सभी सदस्य लगे हुए हैं।
राजिम मेला क्षेत्र में आने वाले सभी मार्गों की मरम्मत कराई गई है। मेला स्थल, संत समागम स्थल, लोमश ऋषि आश्रम, कुलेश्वर मंदिर, राजीव लोचन मंदिर और मुख्यमंच स्थल इन सभी को आपस में जोड़ने के लिए मुरूम की अस्थाई आंतरिक सड़कें बनाकर इन सड़कों के किनारे सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेटिंग की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इन सभी स्थानों पर पेयजल के लिए पाईप लाईन और नल कनेक्शन लगा दिए गए हैं। पूरा मेला स्थल और संत समागम स्थल पर टायलेट और बाथरूम बनाए गए हैं। संत समागम स्थल पर अतिरिक्त पानी टंकी लगाई गई है।
संगम पर बने तीनों पुलों पर रोशनी के पर्याप्त प्रबंध करने लाईट लगाई गई है। रात में मेला स्थल को जगमग करने चारों तरफ हाईमॉस्क लाईट लगाई गई है। विद्युत मंडल द्वारा सभी स्थानों पर आवश्यकतानुसार विद्युत पोल और ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है। नवापारा और राजिम के सभी मंदिरों का रंग-रोगन कर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है। 07 फरवरी से शुरू हो रहे संत समागम में आने वाले साधु-संतों तथा अन्य साधु महात्माओं के लिए कुटीर बनाई गई है। नागा साधुओं के लिए लोमश ऋषि आश्रम के पास जगह को सुरक्षित रखा गया है। संत समागम स्थल के पास ही विभिन्न अखाड़ों के पंडाल लगेंगे।


