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राष्ट्रीय उद्यान से हटा राजीव गांधी का नाम

केंद्र में जब से बीजेपी सरकार आई है, तब से पिछली सरकारों के कई फैसलों औऱ नीतियों को बदल दिया गया है। मोदी सरकार ने हाल ही में राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान से राजीव गांधी का नाम हटा दिया था, अब एक राष्ट्रीय उद्यान से भी राजीव गांधी का नाम हटाने का फैसला लिया गया है। ये फैसला असम की बीजेपी सरकार ने लिया है।

राष्ट्रीय उद्यान से हटा राजीव गांधी का नाम
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नये भारत को बनाने के फेर में बीजेपी सरकार पिछली सरकारों के फैसलों को पलटने में लगी हुई है। और खासकर जिन चीजों से कांग्रेस नेताओं का नाम जुड़ा है, उन्हें बदला जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम पहले खेल रत्न से हटाया गया था, अब असम के राष्ट्रीय उद्यान से राजीव गांधी का नाम हटाने की तैयारी असम की बीजेपी सरकार ने कर ली है। हिमंत बिस्व सरमा की कैबिनेट ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरंग राष्ट्रीय पार्क करने का प्रस्ताव पास कर लिया। अपने फैसले के समर्थन में सरकार ने एक बयान में कहा, 'आदिवासियों और चाय जनजाति समुदाय की मांगों पर संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान करने का फ़ैसला किया है।' संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा, 'चूँकि ओरंग नाम आदिवासी और चाय-जनजाति समुदाय की भावनाओं से जुड़ा है, इसलिए कैबिनेट ने राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरंग नेशनल पार्क करने का फ़ैसला किया है।'
बता दें कि खेल रत्न से राजीव गांधी का नाम हटाने पर पीएम मोदी ने भी लोगों की मांग का हवाला ही दिया था। अब इस फैसले पर राजनीति शुरु हो गई है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बीजेपी सरकार के इस फ़ैसले को पलटने की चेतावनी दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, 'जब असम में अगली कांग्रेस सरकार बनेगी, तो पहले दिन हम ओरंग राष्ट्रीय उद्यान से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाने के बीजेपी सरकार के फ़ैसले को रद्द कर देंगे। भारतीय संस्कृति हमें आरएसएस के विपरीत शहीदों का सम्मान करना सिखाती है।' इस ट्वीट को असम कांग्रेस ने भी रिट्वीट किया है।
बता दें कि इस राष्ट्रीय उद्यान में रॉयल बंगाल टाइगर्स की सबसे अधिक घनी आबादी है। इस उद्यान को भारतीय गैंडों, पिग्मी हॉग, जंगली हाथी और जंगली भैंस जैसे जानवरों के लिए भी जाना जाता है। इसे 1985 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था, 1992 में इसे राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। और फिर 1999 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अपग्रेड किया गया था।


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