राजस्थान: माता-पिता की हत्या के आरोपी बेटे को आजीवन कारावास
अपर सेशन न्यायाधीश चिड़ावा प्रेमप्रकाश गुप्ता ने कल शाम बुजुर्ग माता-पिता की हत्या के आरोपी बेटे को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है

झुंझुनू। अपर सेशन न्यायाधीश चिड़ावा प्रेमप्रकाश गुप्ता ने कल शाम बुजुर्ग माता-पिता की हत्या के आरोपी बेटे को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
पिलानी की गायत्री कॉलोनी स्थित घर पर सात जुलाई 2015 को जगदीश सारदा (88) व उनकी पत्नी कैला देवी (80) के शव लहूलुहान हालत में मिले थे। शाम को स्कूल से लौटी उनकी पुत्रवधू चंचल ने पुलिस में मामला दर्ज किया था।
रिपोर्ट में लिखवाया था कि सुबह स्कूल जाते वक्त चंचल अपने पति आनंद कुमार व सास-ससुर को घर पर छोड़ कर गई थी। वापस लौटने पर उसने अपने सास-ससुर को मृत अवस्था में पाया जबकि पति घर से गायब था।
एडीपी विनोद कुमार वर्मा की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने आनंद सारदा को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।
बुजुर्ग माता-पिता की ईंट मार कर हत्या करने के बाद आनंद सारदा ने हिमाचल के कांगड़ा स्थित डैम में कूद कर जान देने का प्रयास किया था।
उसके बच जाने पर हिमाचल पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। इसकी सूचना मिलने पर पिलानी पुलिस ने हत्या की वारदात के चार-पांच दिन बाद उसे हिमाचल से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी आनंद पिलानी की एक स्कूल में नौकरी करता था। वह पूना में रह रहे अपने बेटे को फ्लैट दिलवाना चाह रहा था। इसके लिए वह अपने रिटायर्ड पिता से रुपए मांगे थे, लेकिन पिता ने रुपए नहीं दिए थे। इस पर नाराज होकर उसने अपने वृद्व माता-पिता की हत्या कर दी थी।


