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राज्य में किसी को भी विरोध करने का अधिकार नहीं है : टीकाराम जूली

कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में किसी को भी विरोध करने का अधिकार नहीं रह गया

राज्य में किसी को भी विरोध करने का अधिकार नहीं है : टीकाराम जूली
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टीकाराम जूली का आरोप: राजस्थान में विरोध की आवाज दबाई जा रही है

  • राज्य सरकार पर तानाशाही के आरोप, टीकाराम जूली बोले- संविधान की मर्यादा खतरे में
  • टीकाराम जूली का हमला: विरोध करने वालों पर मुकदमे, पुलिस बनी मूकदर्शक
  • शिक्षण संस्थानों में राजनीति का अड्डा बना रहे हैं आरएसएस कार्यकर्ता: टीकाराम जूली
  • भाजपा को विरोध पसंद नहीं, लोकतंत्र पर कुठाराघात हो रहा है: कांग्रेस नेता का बयान

जयपुर। कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने बुधवार को राजस्थान सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में किसी को भी विरोध करने का अधिकार नहीं रह गया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति ऐसी बन चुकी है कि अगर कोई विरोध करने की कोशिश करता है, तो फौरन उसकी आवाज दबा दी जाती है। उसकी बातों को अनसुना कर दिया जाता है। निश्चित तौर पर इस तरह की स्थिति को प्रदेश में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तानाशाही करने पर आमादा हो चुकी है। इस सरकार को जनता के हितों से अब कोई सरोकार नहीं रह गया है। ये लोग अब लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब तक हमारे जैसा नेता प्रदेश में है, तब तक हम किसी को भी जनता के हितों पर कुठाराघात नहीं करने देंगे।

इस बीच, उन्होंने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों का भी जिक्र किया और कहा कि शिक्षण संस्थान पढ़ाई के लिए होते हैं। लेकिन, अफसोस की बात है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के कार्यकर्ता इसे राजनीति का अड्डा बनाने पर उतारू हो चुके हैं और जब इसका छात्रों ने विरोध किया, तो आरएसएस के कार्यकर्ता गुंडागर्दी करने पर उतारू हो गए। इतना ही नहीं, इन लोगों ने लाठी-डंडे लेकर छात्रों को पीटा भी और हैरानी तो इस बात को लेकर है कि मौके पर मौजूद पुलिस ने कुछ भी करने की जहमत नहीं उठाई। पुलिस इस पूरी घटना को मूकदर्शक बनकर देख रही थी। ऐसी स्थिति में पुलिस की भी कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि ये लोग सूबे के आम लोगों की आवाज को दबाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा को विरोध पसंद नहीं है। सूबे में जब कभी भी कोई भाजपा की नीतियों का विरोध करता है, तो उसे परेशान करने की कोशिश की जाती है। इससे पहले भी जब यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध किया, तो इन लोगों ने छात्रों को परेशान किया। पुलिस ने छात्रों का भविष्य बर्बाद करने की कोशिश की। राज्य में ऐसी सरकार आ चुकी है कि इन्हें बिल्कुल भी विरोध प्रदर्शन पसंद नहीं है। अगर कोई विरोध करता है, तो उसके खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है, जिसके तहत सभी लोगों को सरकार के समक्ष अपनी बात रखने का पूरा हक है। लेकिन, यह सरकार अब संविधान की मर्यादा पर कुठाराघात करने पर आमादा हो चुकी है।


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