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कर्नाटक नेतृत्व विवाद पर अशोक गहलोत बोले- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ‘ऑल इज वेल’

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया

कर्नाटक नेतृत्व विवाद पर अशोक गहलोत बोले- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ‘ऑल इज वेल’
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गहलोत ने कहा- कांग्रेस में कोई तलाक नहीं, सिर्फ प्यार है

  • राहुल गांधी और खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस पूरी तरह एकजुट: अशोक गहलोत
  • ढाई साल फॉर्मूले की चर्चाओं को गहलोत ने बताया अफवाह, कहा पार्टी को नुकसान
  • राजस्थान सरकार पर गहलोत का हमला, चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप

जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उनके बीच कोई तलाक नहीं है, बल्कि सिर्फ प्यार है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी को संबोधित करते हुए कहा कि अगर नेता नाश्ते की मेज पर एक साथ बैठते हैं, तो यह एकता दर्शाता है। प्यार खबर नहीं है, तलाक खबर है। कर्नाटक में तलाक नहीं है, प्यार है।

गहलोत ने कर्नाटक में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी और खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस एकजुट है।

उन्होंने कांग्रेस के भीतर कथित सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले और नेतृत्व संबंधी भ्रम, खासकर कर्नाटक के घटनाक्रम और छत्तीसगढ़ के पहले के मामलों के संदर्भ में, चल रही चर्चाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

गहलोत ने कहा कि कई नेता यूं ही राहुल गांधी का नाम लेकर दावा करते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए भेजा गया था या सत्ता-बंटवारे का वादा किया गया था।

गहलोत ने कहा कि लोग राहुल गांधी का नाम लेते हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्हें ढाई साल का वादा किया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार के दौरान भी यही ढाई साल का फॉर्मूला लाया गया था। ऐसी बातें पार्टी को नुकसान पहुंचाती हैं।

कर्नाटक के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए गहलोत ने जोर देकर कहा कि असली फैसलों की जानकारी सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को ही है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर ढाई साल का फॉर्मूला है, तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री इसकी पुष्टि करें। वरना, यह सिर्फ अफवाह है।

राजस्थान का जिक्र करते हुए गहलोत ने मौजूदा प्रशासन की कड़ी आलोचना की और उसे अक्षम और गैर-जिम्मेदार बताया।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक अक्षम सरकार है। कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। हर दिन दुर्घटनाएं और आत्महत्याएं हो रही हैं।

गहलोत ने चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया और चेतावनी दी कि उसका रवैया भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा बन सकता है।


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