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कफ सिरप विवाद पर अशोक गहलोत का हमला, सरकार से जांच की मांग

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है

कफ सिरप विवाद पर अशोक गहलोत का हमला, सरकार से जांच की मांग
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गहलोत बोले- ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका क्यों मिला, सरकार दे जवाब

  • स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल, गहलोत ने सरकार की उदासीनता को बताया चिंताजनक
  • गहलोत ने आयुष्मान भारत की तुलना में अपनी स्वास्थ्य योजना को बताया बेहतर
  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गहलोत ने उठाए सवाल, 65 लाख वोटों की कटौती पर जताई चिंता

जयपुर। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने सियासी हलकों में भी हलचल मचा दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से तत्काल जांच की मांग की है।

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रविवार को पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है।

उन्होंने सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर कफ सिरप में कोई गड़बड़ी हुई है तो सरकार को अपनी एजेंसियों से इसकी जांच करवानी चाहिए। अगर कोई ब्लैक लिस्टेड कंपनी थी तो उसे ठेका क्यों दिया गया? यह अपने आप में बड़ा सवाल है।”

अशोक गहलोत ने चिकित्सा मंत्री द्वारा किसी कंपनी को क्लीन चिट देने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि बिना जांच के कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।

अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के समय लागू स्वास्थ्य योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा, “हमारी सरकार ने 25 लाख रुपए तक का मुफ्त बीमा, मुफ्त दवा, सिटी स्कैन और ऑपरेशन जैसी सुविधाएं दीं, जो न सिर्फ भारत बल्कि विश्व में कहीं नहीं हैं। केंद्र सरकार को इन योजनाओं का अध्ययन कर पूरे देश में लागू करना चाहिए।”

उन्होंने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना की तुलना में अपनी योजना को बेहतर बताते हुए कहा कि आयुष्मान भारत केवल कुछ लोगों तक सीमित है, जबकि उनकी योजना पूरे प्रदेश को लाभान्वित करती थी।

उन्होंने कहा, “अगर विश्व गुरु बनना है तो शिक्षा और स्वास्थ्य सभी के लिए मुफ्त होना चाहिए।”

अशोक गहलोत ने कहा कि अगर दवा कंपनी ने गड़बड़ी की है तो सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, न कि पूर्ववर्ती सरकार पर दोष मढ़ना चाहिए।

बिहार विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की भूमिका पर अशोक गहलोत ने कहा कि वे इसे चुनौती के रूप में ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी जो हुक्म देती है आदेश जारी करती है, हमारा धर्म बनता है कि हम उसे कैसे निभाएं। हमने इसकी शुरुआत कर दी है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी आपस में बातचीत कर रहे हैं।

उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, “65 लाख वोटों को बाहरी बताकर काट दिया गया। आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि ये वोट कहां से आए। कांग्रेस आरजेडी और अन्य विपक्षी दल इसको गंभीरता से ले रहे हैं क्योंकि जिस प्रकार से चुनाव जीतने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, वो गलत हैं।”


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