राजस्थान से राज्यसभा तक आप में उठापटक जारी
राज्यसभा चुनाव के लिए जनवरी के पहले सप्ताह तक आम आदमी पार्टी को तीन नाम तय करने हैं और पांच जनवरी को नामांकन दाखिल किए जाएंगे

नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव के लिए जनवरी के पहले सप्ताह तक आम आदमी पार्टी को तीन नाम तय करने हैं और पांच जनवरी को नामांकन दाखिल किए जाएंगे। एक ओर जहां कुमार विश्वास ने खुलकर राज्यसभा जाने की इच्छा जाहिर कर दी है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी नेतृत्व उन्हें राजस्थान के उपचुनाव में भिड़ाने की बिसात बिछा रहा है। इसकी भूमिका अजमेर से बनी और कुमार की ससुराल होने के नाते यहां से कुछ कार्यकर्ताओं से आग्रह भी करवा दिया गया कि कुमार अजमेर से राजनीति की नई पारी शुरू करें।
केंद्रीय मंत्री सांवर लाल जाट के निधन के बाद अजमेर में उपचुनाव तय है और चुनाव आयोग जैसे ही तारीख निर्धारित करेगा इसकी लड़ाई तेज हो जाएगी।
राजस्थान आम आदमी पार्टी के नेता सुनील ने कुमार विश्वास को अजमेर उपचुनाव में पार्टी की तरफ से उतारने की मांग की है। खुद सुनील 2014 में भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
यह खबर आने के बाद सोशल मीडिया के वीर भी सक्रिय हुए और उन्होंने तो बजाप्ता कुमार को 'राजस्थान के मुख्यमंत्री’पेश कर उनकी राजनीति को कुंद करने का लिखित फार्मूला ही सुझा दिया।
तर्क दिया जा रहा है कि कुमार विश्वास जीते तो 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का ग्राफ बढ़ेगा और यहां भी विजय मिलेगी। उपचुनाव में पराजय मिली तो जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने में सफल होगी कि तमाम बाधाओं के बावजूद वह चुनाव मैदान में उतरे।
अब राज्यसभा के लिए अरविंद केजरीवाल, आशुतोष, संजय सिंह, आशीष खेतान आदि के नाम भी उछाले जा रहे हैं लेकिन पार्टी दावा करती है कि वह एनजीओ से जुड़े किसी फील्ड विशेष के व्यक्ति को राज्यसभा भेजेंगे।फैसला राजनीति मामलों की समिति करेगी और इससे पहले पटकथा अरविंद केजरीवाल लिखेंगे। हालांकि मांग तो यह भी उठने लगी है कि केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मीरा सान्याल और कुमार विश्वास को राज्यसभा भेज दें। पूरी कवायद में एक पक्ष है जो खुलकर सामने आ रहा है वह कुमार विश्वास खुद हैं। लेकिन राजनीतिक उठापटक में देखना यह होगा कि उच्च सदन में आप की राजनीतिक झाड़ू कौन संभालेगा।


