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राजस्थान : 1992 के दंगों के मामले में नौ आरोपियों को आजीवन कारावास

राजस्थान के भरतपुर की विशेष सीबीआई अदालत 1992 में कुम्हेर में आगजनी और दंगों से संबंधित एक मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है

राजस्थान : 1992 के दंगों के मामले में नौ आरोपियों को आजीवन कारावास
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नई दिल्ली। राजस्थान के भरतपुर की विशेष सीबीआई अदालत 1992 में कुम्हेर में आगजनी और दंगों से संबंधित एक मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन दंगाें में 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 44 अन्य घायल हो गए थे।

आरोपियों की पहचान लाखो, राजवीर, शिव सिंह उर्फ शिब्बो, मान सिंह, गोपाल, प्रीतम सिंह, पारस जैन, छोटन और प्रेम सिंह उर्फ चिऊ के रूप में हुई।

अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 जून 1992 को मामला दर्ज किया था और जांच अपने हाथ में ली थी, जो पहले भरतपुर जिले के कुम्हेर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।

एफआईआर में 1 जून 1992 के बाद से राजस्थान के कुम्हेर में हुई विभिन्न घटनाओं का असर होने का आरोप लगाया गया है।

अधिकारी ने कहा, ''राजस्थान सरकार की सहमति मिलने के बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया। यह आरोप लगाया गया था कि कुम्हेर के एक स्थानीय सिनेमा हॉल में फिल्म देखने गए एक समुदाय के कुछ लोगों को दूसरे समुदाय के सिनेमा हॉल के कर्मचारियों ने पीटा था।''

अधिकारी ने बताया, “उक्त घटना के बाद इन समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आगजनी और दंगे हुए। 5 और 6 जून 1992 की मध्यरात्रि को लगभग 16 लोगों की मौत हो गई और लगभग 44 लोग घायल हो गए।''

अधिकारी ने कहा कि गहन जांच के बाद आरोपी के खिलाफ 27 अक्टूबर 1993 को आरोप पत्र दायर किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने नौ आरोपियों को दोषी ठहराया था और 41 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि 36 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई।


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