राजस्थान के नेताओं ने पूर्व महाराजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर के संस्थापक एवं पूर्व महाराजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर आज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर के संस्थापक एवं पूर्व महाराजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर आज उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि वह एक दूरदर्शी, एक महान योद्धा थे, जिनकी वीरता और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।
My humble tributes to Bharatpur’s, Maharaja Surajmal ji on his punyatithi today. He was a visionary, a great warrior, whose valour and sacrifice would always be remembered.
इसी तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी उन्हें नमन करते हुए साहस एवं शौर्य के अमरदीप, भरतपुर संस्थापक महाराजा सूरजमल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कहा कि स्वातंत्र्य चेतना एवं वीरता के प्रतीक महाराजा सूरजमल जैसे वीर सपूतों का साहस एवं समर्पण ही भारतीय इतिहास की सच्ची पूंजी है।
साहस व शौर्य के अमर दीप, भरतपुर संस्थापक महाराजा सूरजमल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। स्वातंत्र्य चेतना एवं वीरता के प्रतीक महाराजा सूरजमल जैसे वीर सपूतों का साहस व समर्पण ही भारतीय इतिहास की सच्ची पूंजी है।#MaharajaSurajmal pic.twitter.com/30LJafDtUV
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि भरतपुर के संस्थापक, शूरवीर योद्धा महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल के अद्भुत साहस, शौर्य, वीरता एवं पराक्रम की वीर गाथा को युगों–युगों तक याद किया जाएगा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी उन्हें याद किया और कहा कि धर्म रक्षक, वीरता, धीरता, दूरदर्शिता और राजमर्मज्ञता के धनी महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
भरतपुर के संस्थापक, शूरवीर योद्धा महाराजा सूरजमल जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
महाराजा सूरजमल जी के अद्भुत साहस, शौर्य, वीरता एवं पराक्रम की वीर गाथा को युगों–युगों तक याद किया जाएगा। pic.twitter.com/bHp5OJtxQP
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी महाराजा सूरजमल को याद करते हुए कहा कि वह कुशल प्रशासक, अजेय योद्धा, युग पुरुष, धर्म रक्षक थे, जिनके स्मरण मात्र से ही नई ऊर्जा का संचार होता है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने भी उन्हें नमन करते हुए कहा कि वह वीरता, साहस और पराक्रम के प्रतीक थे। उल्लेखनीय है कि महाराजा सूरजमल 25 दिसम्बर 1763 को युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे।


