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राजस्थान, राज्यपाल ने विधानसभा में पहली बार पढ़ी संविधान की प्रस्तावना

विधायकों को संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया।

राजस्थान, राज्यपाल ने विधानसभा में पहली बार पढ़ी संविधान की प्रस्तावना
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जयपुर| राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 15वीं विधानसभा के छठे सत्र के लिए अपने औपचारिक संबोधन की शुरुआत से पहले संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों को पढ़ा।

मिश्र ने अपने संबोधन से पहले इस नई परंपरा की शुरुआत की। उनकी ओर से विधानसभा में संविधान की प्रस्तावना एवं कर्तव्यों को पढ़ने के बाद विधायकों ने इसे दोहराया।

विधायकों को संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया।

अभिभाषण के दौरान तीनों केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सदस्य बलवान पुनिया ने हंगामा शुरू कर दिया। बलवान वेल में आकर हंगामा करते रहे और राज्यपाल अभिभाषण पढ़ते रहे। बलवान ने आंदोलनकारियों के समर्थन में नारे भी लगाए।

इधर, मुख्य सचेतक महेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और उप सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी पूनिया को मनाने की पूरी कोशिश की।

राज्यपाल की मौजूदगी में आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में जय किसान के नारे लगाए गए। किसानों के समर्थन में नारे लगाने वालों में कुछ कांग्रेस तो कुछ निर्दलीय विधायक रहे। वहीं भाजपा विधायकों के खेमे से जय श्रीराम की नारेबाजी से भी सदन गुंजायमान हो गया।

हालांकि बाद में कांग्रेस नेताओं ने पुनिया को सदन से बाहर चले जाने के लिए मना लिया और इस बीच भी राज्यपाल ने अपना संबोधन जारी रखा।

करीब 45 मिनट तक भाषण पढ़ने के बाद राज्यपाल विधानसभा से बाहर चले गए।

इससे पहले बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए ट्रैक्टर चलाकर पहुंचीं।


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