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पुलवामा शहीदों की पत्नियों को उनके वाजिब मुआवजे से वंचित कर रही है राजस्थान सरकार : राज्यवर्धन राठौड़

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुलवामा आतंकी हमले के दौरान जवानों की शहादत के बाद किए गए वादों से पीछे हटने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राजस्थान सरकार पुलवामा शहीदों की पत्नियों को उनके वाजिब मुआवजे से वंचित कर रही है

पुलवामा शहीदों की पत्नियों को उनके वाजिब मुआवजे से वंचित कर रही है राजस्थान सरकार : राज्यवर्धन राठौड़
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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुलवामा आतंकी हमले के दौरान जवानों की शहादत के बाद किए गए वादों से पीछे हटने के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राजस्थान सरकार पुलवामा शहीदों की पत्नियों को उनके वाजिब मुआवजे से वंचित कर रही है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, राठौड़ ने शहीद सैनिक रोहिताश लांबा के अंतिम संस्कार का एक वीडियो दिखाया। इस वीडियो में राजस्थान के एक मंत्री को वादे करते देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए राजस्थान के मंत्री द्वारा किए गए वादे झूठे थे। वह (मंत्री) कह रहे हैं कि सरकार परिवार (शहीदों के परिवार) की इच्छा के अनुसार लोगों को नौकरी देगी। एक के बाद एक राज्य सरकार के तमाम वादे झूठे साबित हो रहे हैं।

भाजपा सांसद ने कहा, राहुल गांधी ने हर बार भारतीय सेना पर सवाल उठाए हैं और उन्हें अपमानित किया है..यही मानसिकता राजस्थान सरकार दिखा रही है। कांग्रेस एक झूठी पार्टी है और झूठे वादे करती है। अब जब महिलाएं अपने अधिकारों की मांग कर रही हैं, उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मिलने को भी तैयार नहीं हैं.. रक्षा मंत्री ने भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, राजस्थान सरकार ने तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर दी हैं। हिंदू त्योहारों पर धारा 144 लगाई जाती है लेकिन एक विशेष वर्ग के व्यक्ति के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है .. भले ही वह उपद्रवी क्यों न हो। हर तरह से, राजस्थान में स्थिति गंभीर होती जा रही है।

पुलवामा के शहीदों की पत्नियों ने अपने गांवों में सड़कों के निर्माण और अपने रिश्तेदारों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के नियमों में बदलाव की मांग की है।

उन्होंने अशोक गहलोत सरकार से लिखित आश्वासन भी मांगा है कि उनकी मांगों को माना जाएगा, ताकि वे अपना विरोध समाप्त कर सकें। वे 28 फरवरी से विरोध कर रहे हैं और 4 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।


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