राजस्थान : बैंक का चार लाख का कर्ज न चुका पाने पर किसान ने की आत्महत्या
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के जैतसर थाना क्षेत्र में चार लाख रुपये का बैंक का कर्ज न चुका पाने और इसकी अदायगी के लिए बैंक द्वारा डाले जा रहे दबाव से परेशान होकर एक किसान ने कीटनाशक दवा का सेवन करके

श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के जैतसर थाना क्षेत्र में चार लाख रुपये का बैंक का कर्ज न चुका पाने और इसकी अदायगी के लिए बैंक द्वारा डाले जा रहे दबाव से परेशान होकर एक किसान ने कीटनाशक दवा का सेवन करके आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मूताबित रघुनाथपुरा का निवासी नेतराम नाथ (40) बैंक का कर्जा न चुका पाने से मिल रहे नोटिस से काफी परेशान था।
कल अपनी ढाणी से करीब तीन किलोमीदूर दूर रखवाली के लिये रात में खेत में गया और कीटनाशक दवा का सेवन करके चारपाई पर लेट गया।
सुबह वह चारपाई पर मृत मिला तो पुलिस को इत्तिला दी गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि परिजन जब अन्तिम संस्कार के लिए शव रघुनाथपुरा गांव ले जा रहे थे, उसी समय यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई कि जिले में कर्ज से परेशान एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है।
उस समय सूरतगढ़ में बड़ी संख्या में किसान नहरों के जहरीले पानी से निजात दिलाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे। यह खबर मिलते ही सभी किसान तत्काल रघुनाथपुरा को कूच कर गये।
उस दौरान परिजन अन्तिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, लेकिन बड़ी संख्या में आये लोगों ने परिवार वालों से बात की, तो उन्होंने अन्तिम संस्कार रोक दिया।
फिलहाल बड़ी संख्या में ग्रामीण शव के साथ गांव में धरना लगाकर बैठ गये हैं। उन्होंने मांग की है कि किसान का कर्जा माफ करने के साथ ही उसके आश्रितों को 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये।
प्रशासन और पुलिस के अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी दौरान अखिल भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्योपतराम मेघवाल ने एलान किया है कि अगर कल सुबह नौ बजे तक मांगे नहीं मानी गईं, तो शव के साथ जयपुर में विधानसभा भवन के लिए कूच कर दिया जायेगा।
श्रीगंगानगर जिले में एक पखवाड़े में कर्ज में दबे किसान द्वारा खुदकुशी कर लेने का यह दूसरा मामला है।
इसकी सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों में घबराहट फैल गई। शाम करीब चार बजे सूरतगढ़, अनूपगढ़, जैतसर, श्रीबिजयनगर और रायसिंहनगर से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का भी इस गांव में पहुंचना शुरू हो गया।
आसपास के थानों की पुलिस को भी बुला लिया गया। गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है।
बताया जाता है कि नेतराम ने वर्ष 2016 में राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक से ऋण लिया था। यह ऋण पिछले वर्ष तक करीब चार लाख हो गया था। खराब आर्थिक स्थिति के कारण नेतराम कर्ज नहीं चुका पा रहा था। उधर, बैंक के एक अधिकारी जगरूपसिंह ने कहा है कि नेतराम डिफॉल्टर नहीं था।
अलबत्ता अगस्त तक वह कर्ज की अदायगी नहीं करता, तब उसे बैंक नोटिस भेजता। इसके विपरीत किसान नेता श्योपतराम ने कहा कि पिछले वर्ष नोटिस दिये जाने के बाद नेतराम जब कर्ज नहीं चुका पाया तो बैंक वाले बार-बार गांव में चक्कर लगा रहे थे।
इस कारण हो रही बेइज्जती को देखते हुए नेतराम कुछ समय पहले गांव छोड़कर अपने खेत में ही ढाणी बनाकर रहने लगा।


