राजस्थान: संशोधन के लिए प्रवर समिति को सौंपा गया विवादित विधेयक
राजस्थान विधानसभा में आज जनप्रक्रिया संहिता में संशोधन का विधेयक प्रवर समिति को सौंफ दिया गया

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज जनप्रक्रिया संहिता में संशोधन का विधेयक प्रवर समिति को सौंफ दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को यह जानकारी दी की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में कल हुई महत्वपूर्ण बैठक के बारे में गृहमंत्री गुलाब चंद कटारियां वक्तव्य देना चाहते है।
अध्यक्ष ने इसकी अनुमति दे दी लेकिन कांग्रेस सदस्य इसका विरोध करने लगे इससे पहले अध्यक्ष प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी को बोलने की अनुमति दी थी जिस पर डूंडी ने किसानों की खस्ता हालात का जिक्र करते हुए उनका कर्ज माफ करने की मांग की गृहमंत्री जब वक्तव्य के लिए खड़े हुए तो कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमें प्रश्नकाल के नाम पर बोलने नहीं दिया जा रहा है। जबकि गृहमंत्री को बोलने की अनुमति दी जा रही है।
भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी भी बोलने लगे तो उनकी गृहमंत्री श्री कटारिया से तकरार हो गयी। श्री तिवाड़ी जब गृहमंत्री के सामने आने लगे तो सत्तापक्ष के सदस्य भी उनके खिलाफ बोलने लगे। इस पर कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि श्री तिवाड़ी को धमकाया जा रहा है। इसबीच गृहमंत्री ने दण्ड प्रक्रिया संहिता पर संवैधानिक प्रश्न खड़ा करने पर जवाब देते हुए कहा कि हमने चार सितम्बर को ही राष्ट्रपति से स्वीकृति ले ली थी उन्होंने कहा कि अध्यादेश जारी होने के डेढ़ माह तक विपक्ष क्या सोता रहा बाद में श्री कटारिया ने जनप्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव रखा अध्यक्ष ने इस पर सदन की सहमति लेते हुए विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की जानकारी दी।
इसबीच कांग्रेस सदस्यों ने किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा उठा दिया तथा आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करते हुए प्रश्नकर्ता का नाम पुकारा जिस पर परिवहन मंत्री यूनुस खान ने शोर गुल में ही जवाब दिया सदस्यों ने पूरक प्रश्न भी किए लेकिन शोरगुल में सुनाई नहीं दिया। बढ़ते शोरगुल के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित कर दी।


