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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दिल्ली मरकज मामले की जांच मांग की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली स्थित तबलीगी जमात मरकज मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या वर्तमान न्यायाधीश से 'जांच' कराने की मांग की है

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दिल्ली मरकज मामले की जांच मांग की
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नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली स्थित तबलीगी जमात मरकज मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या वर्तमान न्यायाधीश से 'जांच' कराने की मांग की है, जो दिल्ली में कोविड-19 पर निषेधात्मक आदेश के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े की वजह से विवाद में है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश को जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए कि गलती किसकी थी।"

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सांप्रदायिक नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि हर भारतीय घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है।

सरकार को फटकार लगाते हुए गहलोत ने कहा, "राहुल गांधी ने 12 फरवरी को यह मुद्दा उठाया था और अगर सरकार ने लोगों को भारत आने से रोका होता या हवाईअड्डों पर सही तरीके से जांच की होती, तो वायरस इतना ज्यादा नहीं फैलता।"

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से जुड़े थे, ने कहा, "जो लोग इस मामले में दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।"

सुरजेवाला ने पूछा, "एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब दिया जाना चाहिए कि क्यों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रात में 2 बजे मरकज में गए और मौलाना से बात की और उन्हें बताना चाहिए कि उनके बीच क्या हुआ।"

उन्होंने सरकार से वीजा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, जो निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मौलाना फरार हैं और सुरक्षा एजेंसियां उनका पता लगाने में सक्षम नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात प्रमुख मोहम्मद साद को सोमवार को एक दूसरा नोटिस दिया है और जमात की बैठक से संबंधित अतिरिक्त जानकारी और दस्तावेज मांगे हैं।

भारत में कोरोनावायरस के कारण बैठक के आयोजन के लिए तबलीगी जमात के छह अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है और पुलिस उपायुक्त जॉय तिर्की इसे देख रहे हैं।

मौलाना साद को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 (दस्तावेज या अन्य चीजों को पेश करने के लिए समन) के तहत नोटिस दिया गया है। पुलिस ने उससे केवल जानकारी मांगी है। जांचकर्ताओं ने कहा है कि वे अभी साद को जांच में शामिल नहीं करना चाहते।


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