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राजस्थान बना निवेशकों के लिए उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढांचे से पहली पसंद : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निवेशकों की समस्याओं को सुनना और प्रतिबद्धता के साथ उनका समयबद्ध निस्तारण करना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि वर्तमान में रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, सौर ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास आदि में भारी निवेश करने वाले राज्य के रूप में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य बनने के साथ निवेशकों के लिए उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढांचे से पहली पसंद बन गया है

राजस्थान बना निवेशकों के लिए उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढांचे से पहली पसंद : गहलोत
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नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निवेशकों की समस्याओं को सुनना और प्रतिबद्धता के साथ उनका समयबद्ध निस्तारण करना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि वर्तमान में रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, सौर ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास आदि में भारी निवेश करने वाले राज्य के रूप में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य बनने के साथ निवेशकों के लिए उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढांचे से पहली पसंद बन गया है।

श्री गहलोत आगामी सात और आठ अक्टूबर को जयपुर में होने वाले “इन्वेस्ट राजस्थान 2022” के तहत आज नई दिल्ली में आयोजित एमओयू साइनिंग सेरेमनी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना को लेकर अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इससे निवेशकों को राज्य में निवेश करने में आसानी हुई है।

उन्होंने कहा कि रीको द्वारा राजस्थान के प्रत्येक ब्लॉक में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जा रहे हैं। एनसीआर का 25 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में होने से देशभर से बेहतर कनेक्टिविटी है। यहां कानून-व्यवस्था, बेहतरीन सड़कें तथा अनुकूल परिस्थितियों के साथ निवेश करने के लिए एक अग्रणी राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर एवं दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। इससे निवेशकों को बड़ा फायदा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हुए एमओयू सहित अब तक करीब 11 लाख करोड़ के एमओयू एवं एलओआई हो चुके हैं। राजस्थान में सांस्कृतिक एवं भौगोलिक विविधता के साथ-साथ अब निवेशकों की भी विविधता है। रिन्यूएबल एनर्जी, एग्रोप्रोसेसिंग, माइनिंग, ई-व्हीकल, सेरेमिक तथा ग्लास के क्षेत्र में निवेश इसके प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि रिप्स के तहत निवेशकों को उनकी जरूरत के अनुसार पैकेज दिए जा रहे हैं। एमएसएमई-2019 के तहत नवीन उद्यम इकाइयों को तीन साल तक किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होने के साथ वन स्टॉप शॉप प्रणाली से सभी सरकारी स्वीकृतियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, एमएसएमई एवं रिप्स सहित प्रत्येक सेक्टर के लिए पॉलिसी बनाई गई है।

श्री गहलोत ने कहा कि जोधपुर जिले में 14 हजार एकड़ में फैला विश्व का सबसे बड़ा सौलर पार्क है। उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना, उस समय जैसलमेर में सिर्फ 2 मेगावाट विंड एनर्जी थी, वर्तमान में 5000 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए सभी निवेशकों के सुझाव आमंत्रित हैं।

इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि डीएफसी कॉरिडोर एरिया का 40 प्रतिशत और डीएमआईसी का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य से गुजरता है। सबसे बड़े राज्य और स्ट्रेटेजिक स्थिति के चलते राजस्थान निवेश की विशाल संभावनाएं प्रदान करता है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में वन स्टॉप शॉप, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2019, फैसिलिटेशन ऑफ इस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन एक्ट जैसे अनेक कदम उठाए हैं।

राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि निवेश के लिए राजस्थान सर्वश्रेष्ठ स्थान बन गया है। राजस्थान को अब अवसरों की भूमि कहा जाता है। राजस्थान में एक ही पोर्टल पर निवेशकों को विभिन्न अनुमोदन प्राप्त हो रहे हैं। राज्य सरकार जयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, एक्सपोर्ट क्लियरेन्स के लिए नवीन फैसिलिटी और उदयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, बीकानेर में आईसीडी के साथ राजस्थान के विकास की दिशा में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।


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