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शास्त्रीय संगीत को संजोने में राजा चक्रधर का अविस्मरणीय योगदान:प्राची

   शास्त्रीय संगीत में कला प्रेमी और देश के प्रख्यात तबला वादक महाराजा चक्रधर सिंह का अमिट योगदान है किसी को यह आसानी से विश्वास नही होगा कि रियासतकालीन समय में भी कोई ऐसा राजा हुआ है

शास्त्रीय संगीत को संजोने में राजा चक्रधर का अविस्मरणीय योगदान:प्राची
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रायगढ़। शास्त्रीय संगीत में कला प्रेमी और देश के प्रख्यात तबला वादक महाराजा चक्रधर सिंह का अमिट योगदान है किसी को यह आसानी से विश्वास नही होगा कि रियासतकालीन समय में भी कोई ऐसा राजा हुआ है। जिसमें देश के गुलाम रहने के दौरान भी कला और सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए और उसका सर्वधन करने के लिए न केवल राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया बल्कि स्वयं भी अपना योगदान दिया।

टीवी शो एक श्रृंगार स्वाभिमान सीरियल की मशहूर कलाकार और देश की नामचीन कत्थक नृत्यांगना सुश्री प्राची शाह ने आज चक्रधर समारोह में शिरकत करने से पहले मीडिया से चर्चा करते हुए अपने यह विचार रखे। उन्होंने कहा कि आने वाला समय देश में शास्त्रीय संगीत के योगदान के लिए राजा चक्रधर सिंह को हमेशा याद करेगा। उनकी याद में रायगढ़ में चल रहे चक्रधर समारोह ने अब प्रदेश के केनवाश से उपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। आज कि स्थिति यह है कि देश का कोई भी नामी कलाकार इस मंच पर अपनी प्रस्तुती देने के लिए आतुर रहता है।

खास करके वे जिला प्रशासन और राज्य सरकार के साथ-साथ स्थानीय कला प्रेमी नागरिकों को इस बात के लिए साधुवाद देना चाहेंगी कि उनकी स्मृति को न केवल संजो कर रखा गया बल्कि उसे आगे बढ़ाने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है। पूरे भारत में दस दिनों के शास्त्रीय, सुर ताल और छंद का यह अभिनव मिश्रण देश के शास्त्रीय संगीत को संजीवनी दे रहा है। टीवी कलाकार और देश की नामचीन कत्थक नृत्यांगना सुश्री शाह ने आगे कहा कि इस आयोजन ने अब महा आयोजन का रूप ले लिया है और देश भर में इसकी ख्याति फैल रही है।


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