मप्र के ई-टेंडरिंग घोटाले का राज एक फोन नंबर में : कांग्रेस
मध्य प्रदेश में ई-टेंडरिग घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि एक मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की जांच कराई जाए तो सारा राज खुल जाएगा

भोपाल। मध्य प्रदेश में ई-टेंडरिग घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि एक मोबाइल फोन की कॉल डिटेल की जांच कराई जाए तो सारा राज खुल जाएगा। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जल निगम, पीडब्ल्यूडी, एवं जल संसाधन विभाग के जिन निविदाओं में अंकित की गई राशि में गड़बड़ी की गई, उसमें डेमो आईडीएस का उपयोग किया गया है, जिसे ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी द्वारा परफॉरमेंस टेस्टिंग के लिए बनाया गया है। इस कंपनी के मुख्य कर्ताधर्ता विनय चौधरी हैं, जिनके मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल तथा कंपनी की गतिविधियों की जांच की जाए तो बड़े खुलासे होंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि डिजिटल इंडिया ई-टेंडर घोटाले और एमपी ऑनलाईन पोर्टल में हुए घोटाले ने गहरा आघात पहुंचाया है। यह घोटाला व्यापम महाघोटाले से भी बड़ा है। अगर इसकी तत्काल जांच नहीं कराई गई तो इस घोटाले के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ शुरू हो गई है और उन्हें नष्ट करने की सुनियोजित साजिश शुरू कर दी गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि ई-टेंडर के माध्यम से चहेती कंपनियों को टेंडर अवार्ड करना हैकिंग नहीं है, बल्कि आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्ट आचरण है।
सिंह ने पत्र में लिखा कि जिन मुख्य विभागों के टेंडर में फर्जीकरण हुआ वह जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, नर्मदा घाटी, नगरीय कल्याण इत्यादि हैं। इन विभागों के अधिकारी संदेह के दायरे में हैं। ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के कर्ताधर्ता विनय चौधरी वर्ष 2006 में जब मध्यप्रदेश में ई-टेंडर की शुरुआत हुई थी, तब नेक्सटेंडर कंपनी में काम करते थे। बाद में इस कंपनी को इम्पैनल किया गया था।
इनका बरबई में आईटी पार्क है, जिसे नियमों के विपरीत जाकर भूमि आवंटित की गई है। इनके मोबाइल नंबर की अगर कॉल डिटेल निकालकर जांच करवाई जाए तो इस घोटाले के सभी किरदार सामने आ जाएंगे।


