राशन घोटाला, मॉडल स्कूलों के निजीकरण पर बहिर्गमन
रायपुर ! सुकमा जिले में राशन घोटाला के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करने व माडल स्कूलों को निजी क्षेत्रों में सौंपने को लेकर विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी व हंगामा किया।

खाद्य मंत्री पुन्नुलाल मोहिले व स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप नहीं दे पाए विपक्ष के सवालों के जवाब
रायपुर ! सुकमा जिले में राशन घोटाला के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करने व माडल स्कूलों को निजी क्षेत्रों में सौंपने को लेकर विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी व हंगामा किया। दोनों मामले में विभागीय मंत्रियों के द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेसी सदस्य विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन कर गए। प्रश्नकाल में कवासी लखमा ने सुकमा जिले में राशन घोटाला का मामला उठाया था। इस मामेल में खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले उनके सवालों से घिर गए। वहीं माडल स्कूलों को निजी हाथों में देने का मामला कांग्रेस के दीपक बैज व संतराम नेताम ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया था। मंत्री केदार कश्यप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
सुकमा जिले के चिंतलनार और चिंतागुफा की राशन दुकानों में गड़बड़ी का मामला उठाते हुए कवासी लखमा ने कहा आदिवासियों को चावल नहीं मिल रहा है। खाद्य सामग्री की कालाबाजारी की जा रही है। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने मांग की। खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि 10 दुकानों में गड़बड़ी पाई गई थी। एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है। लोकपाल प्रबंधक व विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई है उन्होंने कहा जल्दी ही उनकी गिरफ्तारी होगी। भूपेश बघेल ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा स्टेट वेयर हाउस के शाखा प्रबंधक कौशल किशोर पर जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार बताया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराइ गई। मंत्री ने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राशन में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर जिला व राज्य स्तर की समिति से जांच कराई गई। सदस्यों को यदि शंका है तो और भी जांच करवा लेंगे। वेयर हाउस शाखा प्रबंधक पर एफआईआर करने को लेकर मंत्री गोलमोल जवाब देते रहे। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, मोहन मरकाम व अन्य सदस्यों ने भी सवाल किए। मंत्री का जवाब नहीं आने के बाद कांग्रेसी सदस्य विरोध करते हुए सदन से बाहर चले गए।
प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में संचालित मॉडल स्कूलों का निजीकरण कर फीस में वृद्धि किए जाने का मामला उठाते हुए दीपक बैज एवं संतराम नेताम ने नेताम ने कहा बच्चों की फीस भरी जाए। उन्होंने कहा मॉडल स्कूलों का निजीकरण किया गया है। निजीकरण होने से इन स्कूलों द्वारा मनमानी रुप से फीस वसूला जा रहा है। मॉडल स्कूलों द्वारा शालाना फीस 30 से 35 हजार रुपये से अधिक निर्धारित की गई है। ं फीस बढ़ाने के कारण आम लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ा पाने में असमर्थ है। स्कूलों में फर्नीचर ,पेयजल,शैक्षणिक स्टॉफ सहित अन्य संसाधन की कमी है।
जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मॉडल स्कूलों को संचालन हेतु डीएव्ही प्रबंधकारिणी समिती नई दिल्ली के साथ अनुबंध किया गया। स्कूलों में अनुबंध के पूर्व से अध्यनरत बच्चों के लिए स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था पूर्ववत नि:शुल्क है। साथ ही नवीन प्रवेश की सीटों में से 25 प्रतिशत सीट शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पात्रताधारी परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित रखी गई है। इसके अलावा 8प्रतिशत अतिरिक्त सीटे अनुसूचितजाति अनुसूचित जनजाति के गरीब परिवारों के बच्चों से भरे जाने का प्रावधान है। इस प्रकार नवीन प्रवेश के सीटे में से 33 प्रतिशत बच्चों के लिए शिक्षण पूर्णत: नि:शुल्क है। श्री कश्यप ने कहा कि सभी स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षाबोर्ड से संबंद्ध तथा मान्यता प्राप्त है व सभी स्कूलों में सीबीएसई के मापदण्डों के अनुसार आवश्यक संसाधन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री डी.ए.व्ही पब्लिक स्कूलों के संचालन से क्षेत्रवासियों को शिक्षण के बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे है। नेताप्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव, भूपेश बघेल, वृहस्पत सिंह ने सरकार द्वारा इन स्कूलों को 15 करोड़ रूपए अलग से देने का विरोध किया है। उन्होने कहा भवन निर्माण के अलावा स्कूल संचालित करने सरकार क्यो 15 करोड रूपए दे रही है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया अपनों को उपकृत करने सरकार ने ये योजना बनाई है। कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि मॉडल स्कूलों में हर साल फीस बढ़ाई जा रही है, जिससे गरीब बच्चों के पालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की इन स्कूलों के बच्चों की फीस का भुगतान सरकार करें। स्कूल शिक्षा मंत्री का आश्वासन नहीं मिलने पर कांग्रेसी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।


