सुकमा नक्सली हमले में विपक्ष ने गृहमंत्री को घेरा
रायपुर ! सुकमा जिले में 11 मार्च को हुए नक्सली हमले में 12 जवानों के शहीद होने का मामला कांग्रेस विधायक दल ने गुरूवार को विधानसभा में उठाया।

कांग्रेस विधायक दल का कामरोको प्रस्ताव अग्राह्य
12 जवानों के शहीद होने का मामला विधानसभा में गूंजा
रायपुर ! सुकमा जिले में 11 मार्च को हुए नक्सली हमले में 12 जवानों के शहीद होने का मामला कांग्रेस विधायक दल ने गुरूवार को विधानसभा में उठाया। इस मामले में विपक्ष ने कामरोको प्रस्ताव लाकर तत्काल इस मुद्दे पर चर्चा कराने मांग की। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, भूपेश बघेल ने सरकार को घेरते हुए कहा बार-बार दावा करती है प्रदेश में नक्सली समस्या समाप्ति की ओर है वे वैकफुट पर आ गए है। इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं सरकार के दावों को झुठला रही है। सत्तापक्ष के सदस्यों की आपत्ति व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा का बयान आने के बाद अध्यक्ष ने कामरोको प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद भूपेश बघेल ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा सुरक्षा कैम्प से केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर यह घटना हुई। सुरक्षा बलों के हथियार भी नक्सली लूटकर ले गए। इसके बावजूद आसपास स्थिति सीआरपीएफ के पांच सुरक्षा कैम्प व भज्जी पुलिस थाना के जवान मौके पर नहीं पहुंचे। आसपास के नक्सली नेता बस्तर में आकर वारदात करते हुए 3 माह पूर्व बैठक कर रणनीति बनाते है। खुफिया तंत्र को इसकी जानकारी तक नहीं होती है। उन्होंने कहा जब सुरक्षा बल के जवान नहीं है तो जनता कैसे सुरक्षित रहेगी। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, कवासी लखमा, मोहन मरकाम व अन्य सदस्यों ने स्थगन ग्राह्य करने मांग की।
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि सदन में कई बार शासन ने अपने ड्रोन तंत्र की बात कही तो बस्तर में ड्रोन से निरीक्षण क्यों नहीं हो रहा? नक्सली जवानों के हथियार और सामन लूट कर ले गए? मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि घटना से संबंधित मूल बातें तो हो नहीं रही। इतिहास कहा जा रहा है। इस कारण इसे ग्राह्य क्यों किया जाए? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मूल बातें ही तो कही जा रही हैं। इतिहास बताना इसलिए भी आवश्यक है कि बार-बार पुनरावृत्ति के बाद भी सीख नहीं ली जा रही है। घटनाएं थम नहीं रही है। घटना स्थल से डेढ़ किलोमीटर पहले कैंप हैं और यहां से डेढ़ किलोमीटर दूर ही हमारी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगी। तीन माह से घटना की प्लानिंग हो रही थी। बैठकें हो गईं और सरकार के खुफिया तंत्र को भनक तक नहीं लगी।
केन्द्र ने माना छत्तीसगढ़ में बढ़ी नक्सल घटनाएं-कांग्रेस
कांग्रेस सदस्य मोहन मरकाम ने कहा कि एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार कहती है कि यहां नक्सली गतिविधियों में 15 फीसदी कमी आयी है वहीं केन्द्र ने माना है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाओं में 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। कांग्रेस सदस्य कवासी लखमा ने कहा कि कैंप क्षेत्र में जंगल नहीं है, मैदान है। यहां पूर्व में मुख्यमंत्री गए थे, मोटरसाइकिल से दौरा भी किया था, फिर कैसे नक्सली जवानों के हथियार साथ ले गए।
नक्सली हिंसा में 15 फीसदी कमी: गृहमंत्री
गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि ऐसा कहना सही नहीं है कि सरकार की नक्सल रणनीति कारगार नहीं है, बल्कि 2016 में 135 तथा इस वर्ष 13 मार्च तक 160 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं। 348 हथियार जब्त किये गए तथा 1121 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। 1768 किलोग्राम वजन के कुल 368 आईईडी भी बरामद कर हमले के मनसूबों को विफल किया गया है। उन्होंने बताया कि इंजरम से भेजी अत्यंत नक्सल प्रभावित इलाका है, जहां सडक़ निर्माण किया जा रहा है। इससे क्षुब्ध होकर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा राज्य शासन की आत्मसमर्पण नीति भी उपयुक्त साबित हो रही है। नीति से प्रभावित होकर वर्ष 2016 में 1214 एवं इस वर्ष 211 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसी तरह पुलिस के सूचना तंत्र में विकास हुआ है। इस कारण ही पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नक्सली अपराधों में 15 प्रतिशत की कमी आई है।


