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व्यापारी एकता पेनल में दावेदारी को लेकर घमासान

रायपुर ! प्रदेश की सबसे बड़ी व्यापारिेक संस्था चेम्बर आफ कामर्स में काबिज होने के लिए अभी से व्यापारी एकता पेनल में दावेदारी को लेकर घमासान शुरू हो गया है।

व्यापारी एकता पेनल में दावेदारी को लेकर घमासान
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चेम्बर अध्यक्ष के लिए अमर पारवानी व जीतेन्द्र बरलोटा के बीच होगा फैसला
रायपुर ! प्रदेश की सबसे बड़ी व्यापारिेक संस्था चेम्बर आफ कामर्स में काबिज होने के लिए अभी से व्यापारी एकता पेनल में दावेदारी को लेकर घमासान शुरू हो गया है। वर्तमान मेंं व्यापारी एकता पेनल का चेम्बर में कब्जा है। इसके कारण प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री व कोषाध्यक्ष तीनों प्रमुख पदों के लिए दावेदारों की संख्या अधिक है। जातीय समीकरण के अनुसार सिंधि, अग्रवाल व जैन समुदाय के सदस्यों को ही तीनों पद दिए जाएंगे । अध्यक्ष पद के लिए अमर पारवानी के अलावा जितेन्द्र बरलोटा, अमर गिदवानी, अमर धावना दावेदार है। इस पद के लिए व्यापारी एकता पेनल के सदस्य दो गुटों में बट गए है। टिकट का फैसला अमर पारवानी व जितेन्द्र बरलोटा के बीच होना तय माना जा रहा है। चेम्बर के नए पदाधिकारियों का चुनाव इस वर्ष दीपावली बाद होगा।
पूर्व महामंत्री जितेन्द्र बरलोटा ने इस वर्ष चेम्बर अध्यक्ष का चुनाव लडऩे का फैसला किया है। विधायक व व्यापारी एकता पैनल के अध्यक्ष श्रीचंद सुन्दरानी सहित चेम्बर का असंतुष्ट धड़ा उनका समर्थन कर रहा है। वहीं दूसरी ओर वर्तमान चेम्बर अध्यक्ष अमर पारवानी का दावा स्वाभाविक है। उन्होंने दूसरी बार इस पद के लिए इच्छा जताई है। उन्होंने अल्प समय में सिंधि समाज व प्रशासन में अच्छी पकड़ बनाई है। यहीें कारण है कि सिंधि समाज से जुड़े अधिकांश व्यापारी उनके साथ है। अध्यक्ष पद के लिए अन्य दावेदारों में अमर गिदवानी वर्तमान में जोगी कांग्रेस में चले गए है। उनके नाम पर ही व्यापारी एकता पैनल विचार करेगी इसकी संभावना कम नजर आ रही है। जोगी कांग्रेस उन्हें स्वतंत्र रूप से चुनाव लडऩे का फैसला सकता है इसकी संभावना है। अध्यक्ष पद के लिए अमर धावना सबसे प्रबल दावेदार है। सिनीयर होने के साथ ही कई वर्षो तक चेम्बर में क ार्य करने का उन्हें अनुभव है। विधायक श्रीचंद सुन्दरानी भी उनके नाम पर सहमत है। पिछली बार भी उन्होंने चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया। जिससे एन वक्त पर अमर पारवानी क ो व्यापारी एकता पैनल का अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित करना पड़ा था।
सूत्रो की माने तो अध्यक्ष पद के लिए इस बार अमर पारवानी व जितेन्द्र बरलोटा के बीच टिकट का फैसला होगा। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए विधायक श्री चंद सुन्दरानी सिंधि समाज का अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं हैं। इसका एक कारण यह भी बताया ता रहा है कि चेम्बर अध्यक्ष अमर पारवानी व उनके बीच दूरियां बढ़ गई है। विधायक क ा समर्थन मिलने के बाद जितेन्द्र बरलोटा खुलकर सामने आ गए है। उन्होंने अपनी टीम के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। राजेश वासवानी, राधाकिशन सुन्दरानी ललित जैसिंग में कोडे उनकी टीम में महामंत्री का प्रत्याशी होगा। राधाकि शन सुन्दरानी विधायक श्रीचंद सुन्दरानी के अनुज है। उन्हें महामंत्री बनाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे है। राधाकिशन के प्रत्याशी बनाने से विधायक व सत्तापक्ष के सदस्य उन्हें जिताने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगें । राजेश वासवानी को श्रीचंद का खास समर्थक माना जाता है। राधाकिशन का नाम आनें पर वासवानी स्वत ही अपनी दावेदारी वापस ले लेगें। महामंत्री के तीसरे दावेदार ललित जैसिंघ को विधायक श्री चंद सुन्दरानी का समर्थन मिलेगा इसकी संभावना कम नजर आ रही है। हालाकि वर्तमान में दोनों के बीच संबंध मधुर हो गए है। पूर्व में उन्होंने व्यापारी एकता पेनल से बगावत कर चुनाव लडा था उस समय पूरन लाल अग्रवाल ने श्री चंद सुन्दरानी के खिलाफ अध्यक्ष चुनाव लड़ा था उनकी टीम सें ललित जैसिंघ ने महामंत्री का चुनाव बरलोटा के खिलाफ लड़ा था। पूरनलाल अग्रवाल ने कड़ी टक्कर दी थी। कुछ वोंटो के अंतराल से पूरनलाल अग्रवाल चुनाव हार गए थे। बाद में परिस्थितियां बदली और दोनों ही वापस व्यापारी एकता पेनल में आ गए।
युवा चेम्बर का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर ललित क ो संतुष्ट करने का प्रयास किया गया। लेकिन वे इससे खुश नहीं है। पद मिलने के बावजूद उन्होंने चेम्बर से दूरी बनाए रखी। चुनाव नजदीक आने के साथ ही उनकी सक्रियता बढ़ गई है। विधायक के साथ कार्यक्रमों में नजर आ रहे। जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर कोषाध्यक्ष पद के लिए सुभाष अग्रवाल, राजेंद्र जग्गी व प्रकाश अग्रवाल के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सुभाष व प्रकाश अग्रवाल जातीय समीकरण में पूरी तरह से फीट बैठते है। सुभाष को मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का करीबी माना जाता है। वहीं प्रकाश अग्रवाल चेम्बर आफ कामर्स के दिग्गज नेता पूरनलाल अग्रवाल के पुत्र है।ं बृजमोहन अग्रवाल के भाई है। एैसी स्थिति में व्यापारी एकता पैनल को इनमें से किसी एक का चयन करना होगा। वहीं राजेन्द्र जग्गी को चुनाव बाद कार्यकारी अध्यक्ष का पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है। वर्तमान महामंत्री विनय बजाज को लेकर चेम्बर में काफी आक्र ोश है। निर्वाचन के कुछ समय बाद ही गायब हो गए थे। चुनाव पूर्व अचानक सक्रि य होने से कई तरह की चर्चा है। विवादो में रहने के कारण इस बार उनके नाम पर विचार होगा। इसकी उम्मीद कम है। उनके उत्तराधिकारी की खोज की जा रही है। इसी तरह कोषाध्यक्ष अरविंद जैन को दोबारा प्रत्याशी बनाने को लेकर भी आम सहमति नहीं है। जितेंन्द्र बरलोटा स्वयं जैन समाज से है ऐसी स्थिति में उनके पैनल से किसी अन्य समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। अमर पारवानी को टिकट मिलती है तो जैन समाज से ही कोषाध्यक्ष प्रत्याशी होगा। कोषाध्यक्ष के लिए अरविंद जैन के साथ ही परमानंद जैन के नाम पर विचार किया जा रहा है। अध्यक्ष अमर पारवानी फिलहाल व्यापारी एकता पैनल की पंच कमेटी के निर्णय का इंतजार कर रहे है। बताया जाता है कि पंच कमेटी के सदस्यों की राय भी अलग-अलग है। अध्यक्ष पद पर दुबारा अमर पारवानी को प्रत्याशी नहीं बनाने से सिंधि समाज नाराज हो सकता है। इसे देखते हुए पंच कमेटी के सदस्य भी निर्णय लेने में काफी सावधानी बरतेंगे।
जितेन्द्र बरलोटा व अमर पारवानी में किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बनी तो सर्वमान्य प्रत्याशी के रूप में अमर धावन। का नाम आगे किया जा सकता है। हालाकि उन्होंने इस पद के लिए अनिच्छा जताई है यह भी संभावना है कि किसी एक प्रत्याशी के नाम पर मुहर नही लगी तो पंच कमेटी दोनो दावेदारोको चुनाव लडऩे की अनुमति दे सकता है। हालांकि चुनाव में अभी काफी समय है। तब तक कई उलटफेर होने की संभावना है। दोनो ही गुट इस प्रयास में लगे है कि उनके नेता को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया जाए इसके लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।


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