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फर्जी तरीके से जमीन हथियाने का है आरोप,बयान दर्ज कराने व गिरफ्तारी पर अड़े भूपेश

रायपुर ! जमीन हथियाने के मामले में फंसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल शुक्रकार को सुबह परिवार सहित ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंच गए। बयान दर्ज कराने व गिरफ्तार करने की मांग को लेकर भूपेश अड़ गए।

फर्जी तरीके से जमीन हथियाने का है आरोप,बयान दर्ज कराने व गिरफ्तारी पर अड़े भूपेश
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परिवार सहित पहुंचे ईओडब्ल्यू कार्यालय
रायपुर ! जमीन हथियाने के मामले में फंसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल शुक्रकार को सुबह परिवार सहित ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंच गए। बयान दर्ज कराने व गिरफ्तार करने की मांग को लेकर भूपेश अड़ गए। अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए बयान लेने से इंकार कर दिया। इसके विरोध में श्री बघेल अपनी मां, पत्नी और पुत्री सहित कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए। इसकी खबर लगते ही नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत, मो. अकबर, रविन्द्र चौबे सहित कई दिग्गज नेता पहुंच गए। जिससे वहां हंगामा खड़ा हो गया। इसबीच भूपेश बघेल की मां की तबीयत खराब हो गई। स्थल पर ही चिकित्सक भेजा गया। बाद में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। ईओडब्ल्यू कार्यालय में करीब 3 घंटे तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी व धरना प्रदर्शन का दौर चला। अंतत: दोपहर करीब एक बजे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का पुतला जलाने के बाद कांग्रेसी लौट आए। पुतला दहन को लेकर पुलिस व कांग्रेसियों के बीच तीखी तकरार हुई इस मामले में पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया। भूपेश बघेल शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे स्वयं अपनी मां बिंदेश्वरी, पत्नी मुक्तेश्वरी और पुत्री के साथ शंकर नगर स्थित ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंच गए। भिलाई-3 स्थित मानसरोवर योजना में आवासी प्लाट आबंटन को लेकर उनके परिजनों पर जुर्म दर्ज किया गया है। संगठन चुनाव को लेकर आज ही बैठक बुलाई गई थी। प्रदेशभर के सभी वरिष्ठ नेता रायपुर पहुंचे थे। कांग्रेस भवन की बजाय वे ईओडब्ल्यू कार्यालय जा पहुंचे। कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। कांग्रेसियों को संभालने में पुलिस के पसीने छूट रहे थे। अंतत: कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया। लेकिन धक्का देकर भीड़ जबरिया अंदर प्रवेश कर गई। कांग्रेसियों और पुलिस के साथ काफी नोकझोक भी हुई। इसके बाद मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया।
इधर, भूपेश बघेल ने अधिकारियों से कहा कि वे जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज अपने साथ लाए है यदि उन्हें लगता है कि अपराध हुआ है तो कार्रवाई करें। वे परिवार के साथ बयान देने आए हैं। उन्होंने कहा कि मां और पत्नी के नाम से जुर्म दर्ज कर सरकार उन्हें डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे डरने वाले नहीं है। श्री बघेल करीब दो घंटे तक वहां बैठे रहे। इस दौरान अधिकारियों ने उनसे धरना खत्म करने का आग्रह किया। नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बाद में नोटिस जारी कर उन्हें बयान के लिए बुलाया जाएगा। अंतत: तीन घंटे तक चले राजनैतिक ड्रामेबाजी का समापन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पुतला दहन से हुआ।
राजनीतिक मकसद से कार्रवाई : सिंहदेव
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि भूपेश बघेल पर कार्रवाई राजनीतिक मकसद से की गई है, ताकि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलना बंद कर दे। उन्होंने कहा कि दबाव डालकर भूपेश व उनके परिजनों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मुख्यमंत्री को सारी जानकारी है, लेकिन वे कुछ मालूम नहीं होने का नाटक कर रहे हैं।


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