बिना डिग्री का डॉक्टर बना गरीबों का मसीहा,बीरगांव में 10 बिस्तर का अस्पताल बनाकर कर रहा लोगों के जीवन से खिलवाड़
रायपुर ! नगर के साथ प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों का मायवी जाल लगातार गरीब व भोले-भाले ग्रामीणों की मौत से खिलवाड़ करते आया है।

झोलाछाप डॉक्टर का कारनामा
कई बार शिकायतों के बाद अब तक नहीं हुई कार्रवाई
रायपुर ! नगर के साथ प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों का मायवी जाल लगातार गरीब व भोले-भाले ग्रामीणों की मौत से खिलवाड़ करते आया है। यहां तक की इन डॉक्टरों ने अस्पताल बनाकर खुलेआम लूट मचा दी है । इसके चलते आम लोगों को जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है। ऐसे कई मामले अब तक उजागर हुए है। जो इन डॉक्टरों के कारनामें की कहानी कहते आ रहे है।
एक-दो नहीं वरन हजारों की संख्या में पूरे प्रदेश में फैलकर मसीहा की उपाधि ले ली है जबकि इन चिकित्सको के पास डिग्री तक नहीं है। गंभीर रोगो का इलाज कर उक्त चिकित्सक मानवीयता को भी शर्मसार कर रहे है। जिसकी शिकायते कई बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास की गई परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। तपेदिक, मौसमी बुखार व अन्य कई संक्रामक और बड़े रोगों को उक्त चिकित्सक असानी से इलाज कर देने का दावा कर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बना ली है। ऐसे ही एक चिकित्सक का कारनामा बीरगांव में फैला हुआ है जो बिना डिग्री के लोगो का इलाज करने जूटा है। माँ शारदा हॉस्पीटल के संचालक एवं डॉक्टर रितेश जयसवाल का मानना है कि उनसे बेहतर चिकित्सक पूरे बीरगांव में नही है। तभी तो इलाज की कैची असानी चला ले रहे हेै। एक समाजिक कार्यकर्ता ने उक्त चिकित्सक के चर्चे के बाद सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो वें आश्चर्य में थे, क्योंकि डॅाक्टर साहब के पास डॉक्टरी के डिग्री नही थी। खुद को एम डी बताने वाला यह डॉक्टर भोल-भाले ग्रामीणों से मामूली रोग के लिये हजारो रूपये उसूल कर लाखों बनाने में लगा है। जबकि पिछले दिनो शासन ने हल्ला मचने पर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई शुरू की तो वें एक होकर विरोध में आ गये और लगातर नाराजगी जताते रहेे। इस मामले में समाजिक कार्यकर्ता शिव देवांगन ने आर टी आई से जानकारी निकालने के बाद अब तक राज्य के स्वस्थ्य मंत्री अजय चन्द्रकार, डॉक्टर आर प्रसन्ना डायेक्टर हेल्थ सर्विस, छग कलेक्टर , पुलिस अधिक्षक रायपुर सीएचएमओ रायपुर, थानाा प्रभारी उरला के पास शिकयते की है लेकिन कोई कार्रवाई नही की है लिहाजा उक्त क्षेत्र में दहशत और डर के बीच ग्रामीण इलाज कराने मजबूर हो रहे है।
गौरतलब है कि बीरगांव में माँ शारदा हॉस्पिटल एवं प्रसूती गृह के नाम से डॉ. रितेश जायसवाल चिकित्सा कर रहे है। उक्त चिकित्सक के पास डिग्री नही है। इस बात की पूष्टी आरटीआई में की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला रायपुर द्वारा जारी सूचना अधिकार के तहत यह बताया गया है के डॉ. आर के जायसवाल की डिग्री संबंधित दस्ताावेज उपलब्ध नही है। हॉस्पिटल का नर्सिग होम एक्ट के तहत पंजीयन किया गया है। जो यह स्पष्ट क रता है कि जब चिकित्सक के पास डिग्री नही है। तो उसे अस्पताल संचालन के लिये पंजीयन किस प्रकार किया गया साफ है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यलय में पंजीयन बाटने की लापरवाही हो रही है जो सामने है। यहां तक की उक्त डॉ. हैजा, मलेरिया, निमोनिया, तपेदिक जैसे मर्ज का इलाज कर गरीबो को लूट रहा है। इसके चलते यह संभावना बनी है कि उक्त अस्पताल में मरीज इलाज से नहीं भगवान भरोसे ठीक हो रहे है।
मरीज लाने रखा एजेंट
अभी तक जांच में यह बात सामने आई है कि मां शारदा अस्पताल में देहात से मरीज लाने के लिए एजेंट बनाये गये थे। इन्हे मोटी क मीशन दिया जाता है इधर, डॉक्टरों पर यह आरोप है कि वे सरकारी अस्पताल आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पताल भेजते थे।
रजिस्ट्रेशन में भी नाम के आगे डॉक्टर
आर के जायसवाल ने नर्सिग होम रजिस्ट्रेशन के फार्म में भी गलत जानकारी देते हुए अपने नाम क े आगे डॉक्टर लगाया है। वहीं अस्पताल में नियमित डाक्टर के रूप में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आई खान का नाम दिया गया है। इस पर भी विभागीय जांच हो रही है।


