राजधानी रायपुर के लाज में आग लगने से 5 जिंदा जले, 1 गंभीर
रायपुर ! राजधानी रायपुर में आज एक और बड़ा हादसा घटित हुआ। कल जहां आग लगने से स्टेशन की पार्किंग में खड़ी दो सौ से अधिक दुपहिया वाहन जल गई थी

राजधानी में 24 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी अग्नि दुर्घटना
रायपुर ! राजधानी रायपुर में आज एक और बड़ा हादसा घटित हुआ। कल जहां आग लगने से स्टेशन की पार्किंग में खड़ी दो सौ से अधिक दुपहिया वाहन जल गई थी वहीं आज रहमानिया चौक स्थित तुलसी लॉज में आग लगने से 15 दुकानें एवं पांच व्यक्ति जिंदा जल गए। जबकि एक व्यक्ति को बुरी तरह से झुलसी हुई अवस्था में डॉ. अम्बेडकर अस्पताल में दाखिल कराया गया है। यहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
राजधानी के रहमानिया चौक में होटल तुलसी नामक एक लाज है जहां केवल लोगों को रुकने के लिए कमरे दिए जाते हैं। होटल में 40 कमरे और एक हाल है वहीं ग्राउंड फ्लोर पर 15 दुकानें है। जो विभिन्न दुकानदारों द्वारा कास्मेटिक सामानों एवं गोडाउन के लिए दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सार्ट सर्किट की वजह से कल रात दो बजे होटल के मुख्य द्वार के पास अचानक आग लग गई जो धीरे-धीरे पूरे लाज में फैल गई। होटल मालिक को रात दो बजे बाद घटना की सूचना मिली। जिस पर उन्होंने अग्निशमन नियंत्रण कक्ष में फोन लगाया तब तक अग्निशमन की गाडिय़ां आग बुझाने रवाना हो चुकी थी लेकिन एक घंटा बाद पहुंची गाडिय़ों के कारण आग पूरी तरह फैल गई थी। जिस वक्त आग लगी उस समय लॉज में लॉज कर्मचारियों के अलावा कई यात्री रुके हुए थे। आग लगने पर चारो कर्मचारी और 5 यात्री किसी तरह सुरक्षित बाहर निकल गए। वहीं कई यात्री होटल में ही फंस गए। एक यात्री ने हिम्मत करके खिडक़ी की ग्रिल तोडक़र बाहर निकलने की कोशिश की और उसमें फंस गया। लेकिन मौके में मौजूद रेस्क्यू टीम ने उसे खींचकर बाहर निकाला। बीच-बचाव के लिए यात्री चिल्लाते रहे इस दौरान नीचे मौजूद लोगों एवं पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें कंबल गीला कर उसे लपेट कर बाहर आने की सलाह दी लेकिन आग में घिरे यात्री हौसला नहीं कर पाए और आग की चपेट में आकर जिंदा जल गए। इनमें से पांच की मौत हो गई। वहीं एक यात्री बुरी तरह से घायल हो गया जिसे अंबेडकर अस्पताल में दाखिल कराया गया। सभी यात्री दूसरे राज्यों के हैं। जिन यात्रियों की मौत हुई है उनमें पोपटलाल राजस्थान, तुलाराम राजस्थान, दलपत राजस्थान, दीपक मिश्रा नागपुर शामिल है। वहीं घायल व्यक्ति प्रवीण पुरोहित बताया जा रहा है जो मुम्बई का व्यवसायी है। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि सभी मृतक थोड़े समय के लिए यहां व्यवसाय करने के लिए आए थे। पुलिस एवं दमकल विभाग को इसकी सूचना सुबह लगभग 3 बजे मिली। सूचना मिलते ही दमकल की 6 गाडिय़ां एवं गंज, सिटी कोतवाली, गोलबाजार एवं मौदहापारा की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। लेकिन आग इतनी विकराल थी कि चाहकर भी ये लोग लॉज के अंदर जा नहीं पाए। पुलिस के बड़े अधिकारी अंदर जाने की कोशिश भी की लेकिन धुंए के चलते दम घुटने लगा तो वह वापस चले आए। बताया जाता है कि सभी मृतक उस समय जीवित थे जब ये सभी अधिकारी वहां मौजूद थे। बचाने के लिए मदद की गुहार लगाते हुए सभी ने दम तोड़ा। शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस के सामने लोग जलकर मर गए। रेस्क्यू कार्य सोमवार दिन भर चला और समाचार लिखे जाने तक अभी चल रहा था। पुलिस ने आग पर काबू पाने के लिए अभनपुर, राजिम एवं भिलाई से भी दमकल की गाडिय़ा बुलवाई थी। इतना ही नही राजधानी के औद्योगिक संस्थान सारडा इस्पात एवं निको सहित अन्य ने अपनी दमकल की गाडिय़ां सहयोग के लिए भेजी थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग इतनी विकराल थी कि उस पर काबू पाने अग्निशमन दल के एक दर्जन से अधिक वाहनों को दस घंटे से भी अधिक का समय लगा। जिस स्थान पर होटल है वहां वाहन पहुंचने की सुविधा नहीं होने के कारण अग्निशमन दल अमले को काफी मशक्कत करनी पड़ी। रायपुर नगर निगम की वाहनों सहित भिलाई, गोदावरी इस्पात से फोम एवं केमिकल की वाहन के अलावा गोबरा नवापारा से भी अग्निशमन वाहन को बुलवाया गया था। लगभग 250 अग्निशमन दल के कर्मी, नगर सैनिक एवं पुलिस के जवान आग बुझाने एवं भीड़ को नियंत्रित करने जुटे रहे। घटना की खबर मिलते ही मौके पर आईजी प्रदीप गुप्ता, एसपी संजीव शुक्ला, महापौर प्रमोद दुबे, निगम आयुक्त रजत बंसल सहित आधा दर्जन थानों के टीआई मौके पर डटे रहे। नीचे की 15 से अधिक दुकाने बुरी तरह जलकर खाक हो गई वहीं बंजारी मार्ग पर स्थित दुकानें बची रही। पुलिस ने बताया कि संकरा रास्ता होने के साथ-साथ लोग अपने वाहन सडक़ पर ही रखे हुए थे। जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
तंग गली से दिक्कत
जिस स्थान पर होटल तुलसी स्थित है, उसके बाजू 7 से 8 फीट की एक सकरी गली है जिसमें अग्निशमन वाहनों का पहुंचना मुश्किल था जिसके चलते बाबुलाल टाकिज के सामने एवं बंजारी मार्ग पर अग्निशमन वाहनों को खड़ा कर पाइप के माध्यम से आग बुझाई गई। इस दौरान गाडिय़ों में कहीं से पानी भरा गया। काफी दिक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझने के बाद भी देर तक वहां से धुंआ उठता रहा।
दुकानदारों ने दमकल कर्मियों को किया परेशान
जहां एक तरफ आग की वजह से अफरा तफरी मची हुई थी और आग बुझाने पहुंची दमकल की टीम को दुकानदारों ने घेर लिया सभी दुकानदार आपस में इस बात से लड़ रहे थे कि पहले उनकी दुकान को गीला किया जाय। सभी दुकानदार दमकल कर्मियों को परेशान कर रखा था। दमकल कर्मी आग बुझाने का काम नही कर पा रहे थे। कोई न कोई दुकानदार पहुंच कर अपनी दुकान बचाने के लिए दबाव बनाते रहे। ऐसे में दमकल कर्मी भी यह नही सोच पा रहे थे कि किस तरह वे आग पर काबू पाएं।


