मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किए बिना कांग्रेस लड़ेगी चुनाव
रायपुर ! कांग्रेस समन्वय समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में मिशन 2018, संगठन को मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस
रायपुर ! कांग्रेस समन्वय समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में मिशन 2018, संगठन को मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं करेगी। सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होगा। भाजपा को चौथी बार सरकार बनाने से रोकने बसपा व गोगपा से सहयोग लेने का सुझाव दिया गया। नए ब्लाकों का गठन व रिक्त पदों पर नियुक्तियों को लेकर सदस्यों ने मामला उठाया। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, इस पर राहुल गांधी फैसला करेंगे। संगठन को निचले स्तर तक मजबूत बनाने बूथ व कमेटियां बनाई जाएगी।
कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक करीब तीन घंटे तक दिल्ली में चली। मिशन 2018 व संगठन को मजबूत करने पर बैठक केद्रित रही। आने वाले समय में भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस हमले और तेज करेगी। बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने जून से अगस्त तक अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश प्रभारी सचिव भक्त चरणदास ने बैठक में सुझाव रखा कि 2018 में होने वाले चुनाव में पंजाब की तर्ज पर किसी को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाएगा। प्रदेश प्रभारी महासचिव वीके हरिप्रसाद ने उनके सुझाव को खारिज कर दिया। उनका कहना था पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए केवल सिंगल नाम या छग में बहुत सारे नेता है इसलिए किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करना संभव नहीं है। कुछ संगठन में नियुक्तियों का मामला उठाने पर वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई है। केंद्रीय चुनाव समिति इस पर फैसला करेगी। एक-दो सदस्यों ने इशारों ही इशारों में भूपेश बघेल पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी में कुछ दागी लोगों को लिया गया है। इन्हें पद नहीं दिया जाना चाहिए। शिव डहरिया ने सुझाव दिया कि भाजपा सरकार को रोकने आगामी चुनाव में बसपा व गोगपा जैसी पार्टियों का सहयोग लिया जाए। ताकि चुनाव में इसका फायदा मिल सके। सरकार के खिलाफ चलाए जाने वाले आंदोलन में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की गैर मौजूदगी का मामला भी उठा। चुनाव से पहले बूथ स्तर तक कमेटियों के गठन पर जोर दिया गया। प्रदेश प्रभारी महासचिव बीके हरिप्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से लडऩा है तो सभी नेताओं को एक साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रदेश इकाई उठाती है, आंदोलन करती है फिर उसे बीच में छोड़ देती है, इसके बाद दूसरा मुद्दा उठा लेती है।
इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि जो भी मुद्दे को लेकर आंदोलन किया जाता है उसे अंजाम तक पहुंचाएं। सूत्रों की मानें तो बैठक में कुछ सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए। प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने सदस्यों को समन्वय बनाकर कार्य करने व मिलकर रहने की नसीहत दी। बैठक में भूपेश बघेल, टीएन सिंहदेव, छाया वर्मा, ताम्रध्वज साहू, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, मो. अकबर, रविन्द्र चौबे, शिव डहरिया, रामदयाल उइके, गंगा पोटाई, अमितेष शुक्ल, पुष्पादेवी सिंह उपस्थित थे। बैठक में चरणदा स महंत, देहुति कर्मा, राजेन्द्र तिवारी व पद्मा मनहर मौजूद नहीं थी।
राहुल गांधी से बारी-बारी से मिले नेता
बैठक के बाद प्रदेश समन्वय समितिद के नेताओं ने दस जनपथ जाकर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले। श्री गांधी सभी सदस्यों से बारी-बारी से अकेले में मिले और उनसे राजनीतिक व संगठन के मामलों पर चर्चा की। बताया जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल व नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव श्री गांधी से कुछ मुद्दों पर चर्चा करना चाहते है, इसके लिए उन्होंने शनिवार को मुलाकात के लिए समय मांगा है।


