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भैरमगढ़ को मिलेगा राजस्व अनुविभाग का दर्जा

रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के नक्सल हिंसा पीडि़त जिला मुख्यालय बीजापुर में दो जिलों -दंतेवाड़ा और बीजापुर के अधिकारियों की संयुक्त समीक्षा बैठक ली।

भैरमगढ़ को मिलेगा राजस्व अनुविभाग का दर्जा
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रायपुर ! मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के नक्सल हिंसा पीडि़त जिला मुख्यालय बीजापुर में दो जिलों -दंतेवाड़ा और बीजापुर के अधिकारियों की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। डॉ. सिंह ने बीजापुर जिले के भैरमगढ़ को राजस्व अनुविभाग का दर्जा देने की भी घोषणा की और अधिकारियों को वहां नये कार्यालय के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का आदेश भी दिया। उन्होंने दोनों जिलों में सडक़, बिजली, पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रशंसा की और कहा-नक्सल प्रभावित दोनों जिलों में हो रहे विकास के कार्य पूरे देश के लिए मिसाल बनेंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बीती रात जिला पंचायत बीजापुर के सभाकक्ष में यह समीक्षा बैठक लोक सुराज अभियान के तहत आयोजित की गई। उन्होंने बैठक में यह जानकारी मिलने पर खुशी जताई कि बीजापुर जिले के साप्ताहिक हाट-बाजारों में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों के टीकाकरण के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं, जिससे जिले में टीकाकरण की दिशा में अच्छी सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा - बीजापुर जिले के इस टीकाकरण मॉडल को बस्तर संभाग के शेष छह जिलों में भी अपनाया जाना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा-बीजापुर जिले के ग्रामीण मिर्च की खेती में काम करने पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश चले जाते हैं। उद्यानिकी विभाग उन्हें उनके ही गांव में मिर्च की खेती के लिए मदद करे। मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में हल्बी और गोंडी बोलियों के जानकार युवाओं चिन्हांकित कर उन्हें सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरक (मोटीवेटर) के रूप में प्रशिक्षित करने की जरूरत पर भी बल दिया। डॉ. सिंह ने दोनों जिलों के कलेक्टरों को इसके लिए वहां के आजीविका (लाईवलीहुड) कॉलेजों में प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्बी और गोंडी बोलियां बस्तर संभाग में स्थानीय जनता के बीच काफी प्रचलित हैं। इन बोलियों में लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलने पर अधिक से अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों को उनका लाभ मिल सकता है। डॉ. सिंह ने कहा कि इन बोलियों के जानकार युवाओं को आजीविका कॉलेजों में प्रेरक के रूप में विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर इन योजनाओं के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया आदि की जानकारी दी जाए, ताकि प्रशिक्षण के बाद ये लोग गांवों में जाकर लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए समझा सकें और उनके आवेदन फार्म आदि भी भर सकें। इन प्रेरकों को उचित मानदेय भी दिया जाएगा। ये प्रेरक हर महीने कम से कम 100 ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए तैयार करेंगे।
डॉ. रमन सिंह ने दंतेवाड़ा जिले की समीक्षा के दौरान वहां के तीन बड़े गांवों-पालनार, बड़ेकमेली और नेरली में टेलीमेडिसीन सेवा शुरू करने की तैयारी पर भी खुशी जताई। उन्होंने जिला कलेक्टर से कहा कि एक माह के भीतर इस सेवा को वहां शुरू कर दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि इन तीनों गांवों में टेलीमेडिसीन सेवा शुरू होने पर क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने ही इलाके में मुम्बई और दिल्ली जैसे बड़े अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिल सकेगा। जिले के डॉक्टरों को भी जटिल बीमारियों से पीडि़त मरीजों के बेहतर इलाज के लिए महानगरों के प्रसिद्ध अस्पतालों के डॉक्टरों से सलाह मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा-यह अच्छी बात है कि दोनों जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिले में 32 गांवों के लिए स्वीकृत नरेली-धुरली की समूह जल प्रदाय योजना का निर्माण जून 2018 तक पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दोनों जिलों में अधिक से अधिक संख्या में रसोई गैस वितरक (डीलर) बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना में गरीब परिवारों को महिलाओं के नाम पर मात्र 200 रूपए का पंजीयन शुल्क लेकर रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर चूल्हा और पहला भरा हुआ सिलेण्डर मुफ्त दिया जा रहा है। हितग्राही परिवारों को सिलेण्डरों की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए गैस डीलरों की संख्या बढ़ाना जरूरी है। दोनों जिलों के सडक़ निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा-दोनों जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को बकरी पालन और डेयरी व्यवसाय से भी जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए लाईवलीहुड कॉलेजों में प्रशिक्षण के छोटे-छोटे पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। बीजापुर जिले में चिरौंजी प्रसंस्करण यूनिट शुरू होन पर भी मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्हें बताया गया कि जिले में महुआ के वृक्षों पर चीकू की ग्राफ्टिंग की जा रही है। इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है। डॉ. रमन सिंह ने दंतेवाड़ा जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हो रहे प्रयासों की भी तारीफ की।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले में भूमिगत जल की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए खेती के लिए इसके अधिकतम उपयोग पर भी बल दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में किसानों को सौर सुजला योजना से जोडक़र सोलर सिंचाई पम्प दिए जाएं। उन्होंने सडक़ निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान बीजापुर जिले में तिमेड़ का पुल जल्द बनवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश के वन मंत्री और बीजापुर के विधायक महेश गागड़ा, मुख्य सचिव विवेक ढांड, गृह विभाग के प्रमुख सचिव बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह, पर्यटन, संस्कृति और जनसम्पर्क विभाग के सचिव संतोष मिश्रा, पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय, पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) डी.एम. अवस्थी, बस्तर संभाग के कमिश्नर दिलीप वासनीकर सहित दंतेवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार, बीजापुर कलेक्टर डॉ. अयाज तम्बोली, पुलिस महानिरीक्षण पी.सुन्दरराज और सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


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