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आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा

रायपुर ! छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को प्रश्नकाल में नक्सली क्षेत्रों में आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म का मामला विधायक देवती कर्मा ने उठाया।

आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म मामला  छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा
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रायपुर ! छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को प्रश्नकाल में नक्सली क्षेत्रों में आदिवासी महिलाओं से दुष्कर्म का मामला विधायक देवती कर्मा ने उठाया। मामले में देवती कर्मा ने गृहमंत्री राम सेवक पैकरा से जवाब मांगा। कर्मा के प्रश्नों की गूंज इतनी जबरदस्त थी कि विपक्षी सभी विधायकों ने कर्मा के प्रश्न का समर्थन करते हुए पूरक प्रश्न और बहिर्गमन तक कर गए।

विधायक देवती कर्मा ने गृहमंत्री रामसेवक पैकरा से वर्ष 2014-15 और 2015-16 आदिवासी महिलाओं के साथ हुए दैहिक शोषण के मामले की विस्तृत जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में गृहमंत्री पैकरा ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामले के बारे में कुछ कहा जा सकता है।

गृहमंत्री के इस जवाब से विधायक भूपेश बघेल, मोहन मरकाम, कवासी लखमा और भोजराज नाग ने आपत्ति जताते हुए और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "आदिवासी महिलाओं के साथ दैहिक शोषण के मामलों को सरकार ठंडे बस्ते में रख रही है। उत्पीड़न के मामलों के दो साल बाद भी अब तक जांच जारी है, इसका तात्पर्य साफ है। सरकार उत्पीड़न के आरोपी सरकारी अधिकारियों को बचा रही है।"

गृहमंत्री पैकरा ने जवाब में बताया, "बस्तर संभाग में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 281 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। उनमें से अनुसूचित जाति के तीन और अनुसूचित जनजाति के 41 प्रकरण हैं। इनमें से 270 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि दो मामले के आरोपी अज्ञात एवं आठ प्रकरणों में आरोपी फरार हैं। इनमें से एक प्रकरण खात्मे के लिए भेजा गया है।"

गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नेताप्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में बहिर्गमन कर गए। इसके साथ ही विपक्ष ने मामला सदन से छुपाने का आरोप भी सत्तापक्ष पर लगाया।


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