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रेत माफियाओं के खिलाफ कांगे्रस करेगी आंदोलन

रायपुर ! प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष भूपेश बघेल व विधायक धनेन्द्र साहू ने सरकार को चेतावनी दी है कि प्रदेश में रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी।

रेत माफियाओं के खिलाफ कांगे्रस करेगी आंदोलन
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रायपुर ! प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष भूपेश बघेल व विधायक धनेन्द्र साहू ने सरकार को चेतावनी दी है कि प्रदेश में रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी। पार्टी इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी। पार्टी ने इस मामले में सत्तापक्ष के मंंत्रियों व नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया है। पेन्ड्रावन जलाशय मामले में एनओसी निरस्त करने की मांग करते हुए कहा मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल दोनों किसानों को बर्बाद करने पर तुले हैं। कांगे्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। मंगलवार को कांगे्रस भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में श्री बघेल व साहू ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेत एवं मुरम खनन माफियाओं का राज चल रहा है। मुख्यमंत्री, मंत्री एवं नेताओं के दबाव में पटवारी से लेकर जिलाधीश तक जिला प्रशासन, खनिज विभाग, पुलिस प्रशासन, पंचायत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, पंचायती राज के जनप्रतिनिधी सभी लाचार एवं बेबस है।
प्रदेश भर में खनिज नीति सही नहीं होने के कारण सभी नदियों से रेत तेजी से समाप्त हो रहे है। प्रदेश के बाहर सीमावर्ती प्रदेशों में रोज बड़े पैमाने पर रेत की निकासी अन्य प्रदेशों में की जा रही है। कुछ वर्षो में प्रदेश में ऐसी स्थिति ना बन जावे कि लोगों को रेत का एक दाना भी नहीं मिले। रेत खदानों के उत्खनन, परिवहन एवं संचालन हेतु पर्यावरण विभाग द्वारा विभिन्न 30 से भी अधिक नियमों एवं शर्तो के तहत स्वीकृति प्रदान करती है जिसमें से किसी भी नियमों का पालन खदान संचालको के द्वारा नहीं कराया जाता है। खदान के पास घास भमि पर ट्रकें अपनी बारी के लिये खड़ी रहती है एवं बारी आने पर ओव्हर लोड लेकर चलती है जिससे गांव के चारागाह से पशुचारा घास की भी बड़े पैमाने पर बर्बादी-क्षति हो रही है। रेम्प रास्ता बनाने के लिये नदी में बड़े पैमाने पर रोज कई ट्रके बेशरम की झाडिय़ों एवं अन्य जीवित पौधों को काटकर बिछाया जा रहा है एवं नदी में अनेको ट्रकों के आवागमन के लिये रास्ता बनाये जा रहे है। यह बेशरम अन्य पेड़ की झांडिय़ां नदी के भीतर उग जावेगा तथा बड़ा होने पर नदी के प्रवाह को व्यवधान उत्पन्न करेगा, जिससे नदी किनारे भूमि पर कटाव बढ़ेगा और नदी की दिशा में भी परिवर्तन होने की संभावना बनी रहेगी।
विधानसभा मे विगत सत्र की बैठक मे भी पेन्ड्रावन जलाशय की बात उठायी गयी थी। संसाधन मंत्री ने सदन मे यह घोषणा किया था कि पेन्ड्रावन जलाशय के केचमेट क्षेत्र मे प्रस्तावित अल्ट्राटेक सींमेट कंपनी को खनन की अनुमति नही दी जाएगी फिर चोरी छिपे शासन ने उसे एन.ओ.सी जारी कर दिया। पूरे किसान विगत कई दिनो से पेन्ड्रावन जलाशय को बचाने हेतु आंदोलन रत है। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री और खनिज मंत्री, मुख्यमंत्री, चुप क्यो है? उनसे जवाब मांगते है कि क्यो एन.ओ.सी दिया गया। पेन्ड्रावन जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र भूमि मे चुना पत्थर उत्खनन हेतु अल्ट्राटेक सीमेन्ट कंपनी को लीज पर देने जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई अनापत्ती प्रमाण पत्र को शासन शीघ्र निरस्त करें। तथा भविष्य मे कोई भी जल संसाधन समाप्त नही किया जावें।


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