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बीके सिंह होंगे छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी!

रायपुर ! बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेडऩे के साथ ही प्रदेश के डीजीपी एएन उपाध्याय को हटाने की चर्चा है।

बीके सिंह होंगे छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी!
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गिरधारी नायक, डीएम अवस्थी भी दौड़ में शामिल
रायपुर ! बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेडऩे के साथ ही प्रदेश के डीजीपी एएन उपाध्याय को हटाने की चर्चा है। उनकी जगह बीके सिंह, गिरधारी नायक, डीएम अवस्थी के नाम पर विचार चल रहा है। सूत्रों की माने तो लोक सुराज अभियान समाप्त होते ही सरकार नए डीजीपी के नाम पर मुहर लगा सकती है। हालांकि इस पद की दौड़ में बीके सिंह का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है, फिलहाल वे दिल्ली में आईबी के ज्वाइंट डायरेक्टर है वे 1987 बैच के आईपीएस है। वहीं गिरधारी नायक व डीएम अवस्थी दोनों ही वीके सिंह से सिनियर है। जिसके कारण उन्हें डीजीपी बनाने में दिक्कते आएगी। इसके लिए दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय में सम्मानजनक तरीके से हटाना होगा। तभी श्री सिंह की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।
सुकमा में पिछले दिनों 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद केन्द्र व राज्य सरकार ने बस्तर में सक्रिय माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी में है वर्तमान डीजीपी एएन उपाध्याय की कार्यशैली से केन्द्र के अधिकारी खुश नहीं है। श्री उपाध्याय साफ सुथरी छवि के ईमानदार अधिकारी है। वे पिछले तीन साल से इस पद पर है। उनकी कार्यशैली आक्रामक नहीं है इसे उनकी कमजोरी माना जा रहा है। वे लो प्रोफाइल में रहकर काम करने के आदि है। उनकी जगह वीके सिंह को लाने की तैयारी चल रही है श्री सिंह जोगी सरकार में डीआईजी इंटेलिजेस थे। फिलहाल वे आईवी जैसे महत्वपूर्ण विभाग में जिम्मेदार पद पर है। केन्द्र के अलावा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से उनके अच्छे ताल्लुकात है। इसका फायदा उन्हें मिल सकता है। श्री सिंह लो प्रोफाइल काम करने के रूप में जाने जाते हैं। उनकी छवि भी साफ सुधरी है। उन्हें डीजीपी बनाने से सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि प्रदेश में उनसे दो वरिष्ठ अधिकारी है इन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।
गिरधारी नायक 1983 बेच के आईपीएस अधिकारी है वे सबसे सिनियर है यदि उन्हें डीजीपी बनाया जाता है तो किसी को आपत्ति नहीं होगी। अन्य अधिकारी उनसे जूनियर है नायक को बस्तर में काम करने का लंबा अनुभव है। बस्तर आईजी के अलावा नक्सल इंटेलिजेंस व एसआईवी के प्रमुख रह चुके हैं। वे काफी व तेज तर्रार व सख्त अधिकारी माने जाते हैं। उनके बारे में यह धारणा है कि वे किसी की नहीं सुनते इसके कारण पिछली बार भी डीजीपी बनने से वंचित रह गए। इस बार भी उनके मार्ग में यही प्रमुख रोड़ा है। डीजीपी के लिए तीसरे दावेदार डीएम अवस्थी 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी है। उनकी छवि भी साफ सुथरी है सरकार के पसंदीदा अधिकारियों में उनकी गिनती होती है। कई महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का अनुभव है। इसके बावजूद फिलहाल डीजीपी की दौड़ में वीके सिंह का नाम आगे चल रहा है। सरकार ने नए डीजीपी के नाम पर अभी कोई फैसला नही लिया है। बस्तर से नक्सलियों का सफाया करने के साथ ही अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नए डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी।

रतनलाल डांगी बने कांकेर के डीआईजी
आईपीएस रतनलाल डांगी को सरकार ने अब कांकेर का डीआईजी बनाया है,डांगी 2003 बैच के आईपीएस हैं उनके पास कमांडेंट दूसरी बटालियन का भी चार्ज था। रतनलाल डांगी कांकेर डीआईजी रेंज के कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर जिले की पुलिसिंग देखेंगे। डांगी की पोस्टिंग के बाद सुंदराज पी अब दंतेवाड़ा रेंज के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर का चार्ज रहेगा। डांगी और सुंदरराज दोनों एक बैच के आईपीएस हैं। सुंदरराज के पहले डांगी का ही बस्तर भेजने का नाम चला था। किन्तु अचानक सरकार ने सुंदरराज को भेज दिया था।


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