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मस्तूरी हत्याकाण्ड : निर्दलीय विधायकों का बहिर्गमन,महिलाओं की खुलेआम लुटी जा रही आबरू- अमित

रायपुर ! विधानसभा क्षेत्र मस्तुरी में ग्राम देवगांव में एक महिला के साथ बलात्कार का मामला जोरशोर से सदन में उठा।

मस्तूरी हत्याकाण्ड : निर्दलीय विधायकों का बहिर्गमन,महिलाओं की खुलेआम लुटी जा रही आबरू- अमित
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रायपुर ! विधानसभा क्षेत्र मस्तुरी में ग्राम देवगांव में एक महिला के साथ बलात्कार का मामला जोरशोर से सदन में उठा। निर्दलीय विधायक अमित जोगी ने उक्त मुद्दे पर काफी उत्तेजना पूर्ण स्वर में सरकार से सवाल जवाब किये। सदस्य ने मंत्री से पूछा कि उक्त घटना में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
जवाब में गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने सदन में बताया कि उक्त बलात्कार की घटना में ग्राम देवगांव के 3 व्यक्तियों को पकड़ा गया है। जो जेल में बंद है। सरकार को घेरते हुए निर्दलीय विधायक ने सीआरपीसी की धारा 357 के तहत पीडि़ता के परिवार को मुआवजा का मुद्दा उठाया और सदस्य ने जानना चाहा कि कितनी राशि प्रदान की गई। मंत्री का कहना था कि मृतक महिलाके परिवारिक जनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष के माध्यम से दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है।
वही श्री जोगी ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश का हवाला देकर एसटी, एससी के प्रावधान के तहत 8.50 लाख रुपये मुआवजा 7 दिन के भीतर पीडि़ता के परिवार को प्रदान करने की बात कही। श्री जोगी ने सरकार पर आरोप लगाया कि कब तक प्रदेश में एसटी-एससी वर्ग की महिलाओं, बच्चों को निशाना बनाया जाता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट केनियम के तहत काफी उत्तेजित स्वर में पीडि़ता के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने को लेकर सवाल जवाब किये। सदन में कार्रवाई के दौरान निर्दलीय विधायक को चेतावनी भरे शब्दों में सभापति देवजी भाई पटेल ने कहा कि सदन में भाषण नहीं होना चाहिए। प्रश्न पूछा जाना चाहिए।
इस पर श्री जोगी का कहना था कि यह विषय उत्तेजना का है। यहां पर प्रदेश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। ऐसे में सदन में गर्मागर्म बहस के बीच नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने प्रति प्रश्न के माध्यम से सरकार से पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्णय देश में कानून का स्वरूप लेता है या नहीं। अगर हां स्वरूप लेता है तो 7 दिन के भीतर क्या पीडि़ता के परिवार को राहत दी गई? जवाब में मंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होगा कहकर सरकार का बचाव करते रहे।
लेकिन निर्दलीय विधायक आरके राय, सियाराम कौशिक एवं अमित जोगी ने सरकार द्वारा उक्त मुद्दे के प्रश्न को मजाक में लेने की बात कहते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया।


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