प्रदेश के 7 जिलों में बारिश की संभावना
प्रदेश के 27 जिलों में से 7 जिलों में अवर्षा की स्थिति दिखलाई पड़ रही हैं
रायपुर। प्रदेश के 27 जिलों में से 7 जिलों में अवर्षा की स्थिति दिखलाई पड़ रही हैं। इन जिलों में अब तक ऋणात्मक वर्षा दर्ज की गई हैं जबकि शेष अन्य जिलों में सामान्य वर्षा हुई हैं उन जिलों में किसानी कार्य शुरु हो गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में रूक-रूक कर सामान्य बारिश की संभावना जताई है इधर मध्यम बारिश के कारण वातावरण में उमस और चिपचिपाहट बन रही हैं इस वजह से आम लोगों हलाकान परेशान नजर आ रहे हैं। मानसून के सक्रिय होने के बाद बारिश से प्रदेश के महत्वपूर्ण नगरों में जल की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाई हैं कई जिलों में पीने के पानी की उपलब्धता के लिए टैंकर से आपूर्ति जारी है। साथ ही आषाढ़ में कम बारिश के कारण किसानी कार्य तेजी से नहीं हो पा रहे हैं। बहरहाल अब लोगों को अच्छे बारिश की प्रतिक्षा हैं।
उल्लेखनीय है कि 15 जून व आषाढ़ लगने के साथ ही बारिश को लेकर संभावनाएं बनने लगती हैं। इसमें पिछले साल एक पखवाड़े के भीतर 5 सेमी. से अधिक वर्षा दर्ज कर ली गई थी लेकिन इस वर्ष 15 जून बाद से एक पखवाड़ा बीतने जा रहा है और जुलाई का माह प्रारंभ हो चुका है लेकिन राज्य के 7 जिले सूरजपुर, कोरिया, कोरबा, जशपुर, दुर्ग, बलरामपुर, बलौदाबाजार, इत्यादि जिलों में लगभग अवर्षा की स्थिति हैंं।
मौसम वैज्ञानिकों ने यह संभावना जताई है कि आने वाले दिनों में इन जिलों में वर्षा होगी और सामान्य स्थिति पर पहुंच पाएंगे। वहीं वैज्ञानिकों ने बताया है कि राज्य के बालोद, दंतेवाड़ा, जांजगीर, कवर्धा, कोण्डागांव, सुकमा समेत बस्तर संभाग में अच्छी वर्षा हुई है यहां के किसान बारिश से संतुष्ट है और कृषि कार्य के लिए खेत पर दिखलाई पड़ने लगे हैं।
बस्तर संभाग के जलाशयों में भी जल का स्तर बढ़ने की जानकारी दी जा रही हैं। राज्य के अन्य 12-13 जिलों में सामान्य वर्षा की स्थिति हैं। इससे उन जिलों में उमस और बेचैन करने देने वाला वातावरण बना हुआ हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मानसून प्रदेश में सक्रिय है और एक दो दिनों में वर्षा के बाद स्थिति सामान्य स्तर पर आ जाएगी।


