भादो में भी बारिश को पर्याप्त नहीं माना जा रहा
सावन के बजाए भादो महीने में मानसून की मामूली , कितु राहत भरी बारिश से धीरे-धीरे तालाबों का जलस्तर बढ़ने लगा है
खरोरा। सावन के बजाए भादो महीने में मानसून की मामूली , कितु राहत भरी बारिश से धीरे-धीरे तालाबों का जलस्तर बढ़ने लगा है। घंटे भर की बारिश ने लोगों का आना जाना मुहाल हो गया ।
हालांकि अभी भी नदी और नाले प्यासे है जिस वजह से सूखे के हालात से लोग फिक्रमंद हो रहे हैं । भादो में बारिश से फसल को भले लाभ न हो , लेकिन पेयजल और निस्तारी के लिए बरसात फायदेमंद साबित हो सकती है ।
इस साल मानसून दगा देने के कारण किसानो की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है । सावन महीने में मौसम का साथ नहीं मिलने के बाद खरीफ फसल नष्ट हो गई । भादो में हो रही बारिश को जीवन यापन के लिए जरुरी बताया जा रहा है ।
हालांकि खंड वर्षा की वजह से कहीं _कहीं अच्छी बारिश हो रही है तो कहीं मामूली छीटे पड़ रहे हैं । खंड वर्षा के चलते भादो में भी बारिश को पर्याप्त नहीं माना जा रहा है इसके बाद भी लोगों को भादो में बरसात की उम्मीद है । इस बीच बढ़ते उमस की वजह से लोग मौसमी बीमारियो के चपेट में आ रहे है। उमस की मार से लोगों का जीन मुहाल हो गया है ।
ज्यादातर बच्चों पर उमस के प्रभाव से बीमारियां कहर ढा रही है ।


