कर्नाटक में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित
दक्षिण कर्नाटक के तटीय और पश्चिमी घाट में मूसलाधार बारिश और कावेरी नदी में जलाशयों से भारी मात्रा में पानी छोड़ने से कई जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है

बेंगलुरु। दक्षिण कर्नाटक के तटीय और पश्चिमी घाट में मूसलाधार बारिश और कावेरी नदी में जलाशयों से भारी मात्रा में पानी छोड़ने से कई जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
बाढ़ से बेंगलुरु और मंगलुरू की सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है और केरल और तमिलनाडु के साथ राज्य को जोड़ने वाले राजमार्गों भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं, कृषि भूमि और कुछ कस्बों के बाहरी इलाकों सहित बड़े क्षेत्र में बाढ़
आ गयी है।
कुछ राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर बाढ़ आ गयी है और इससे केरल और तमिलनाडु के उधगामंडलम के मुख्य राजमार्ग भी प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की खतरनाक स्थिति से पर्यटकों को कोडागू नहीं जाने की सलाह दी गयी है।
कृष्णाराजसागर और काबिनी कुंड से गुरुवार सुबह कावेरी नदी में लगभग एक लाख 72 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और अधिकारियों ने हेमावती और हरांगी नदियों के तटों के पास रहने वाले लोगों को सतर्क किया है और लोगों को वहां से ऊंचाई वाले स्थानों में जाने को कहा है।
कोडागू के अधिकतर हिस्सों, चिकमंगलुरु और शिवमाेगा जिलों के तटीय क्षेत्रों में स्थिति सबसे खराब है। केरल और उधगामंडलम और तटीय हिस्सों में सड़कों की स्थिति खराब होने से कई बस सेवाओं को बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग अधिकारियों के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है।
मैसूरु की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान कोडागू जिले में बारिश के कारण दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। पीड़ित को खेत के ऊपर से होकर जा रही बिजली की तार के संपर्क में आने से उसकी मौत हो गयी।
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने संवाददाताओं को बताया कि वायु सेना को हातिहाल तट पर फंसे लोगों को बचाने के लिए सतर्क किया है और जो लोग कोडागू, दक्षिण कन्नड, उडुपी, हासन, शिवमोगा और चिकमंगलुरु जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ में फंसे हुए लोगों को भी निकालने के लिए लगाया गया है।
उन्होंने अधिकारियों के साथ संपर्क साधकर बाढ़ में फंसे लोगों की मदद करने को कहा है। जिला प्रभारी सचिवों और मंत्रियों से भी बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए तत्काल क्षेत्रों में पहुंचने का आग्रह किया गया है।
कोडागू जिले के मेडिकेरी शहर के इंदिरा नगर में मूसलाधार बारिश के कारण अभी तक 10 मकानों में दरारें पड़ गयी हैं। स्थानीय अधिकरियों ने कुछ अन्य घरों में दरारें पड़ने के कारण घरों को नुकसान पहुंचने पर घर खाली करवा दिये हैं।
इस बीच, कावेरी और लक्ष्मण तीरथ नदियां पानी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण परिवहन और संचार व्यवस्था में व्यवधान के कारण कुछ दूरस्थ गांव इससे कट गये हैं।
कोडागू जिला प्रभारी मंत्री एस आर महेश ने कहा कि वह स्थानीय नेताओं और हितधारकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री मंत्री एच डी कुमारस्वामी से मिलेंगे और इस वर्ष बारिश के कारण हुए नुकसान के बारे में उन्हें जानकारी देंगे।
श्री महेश ने कहा कि जिले में लगातार बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपये सहायता राशि पहले ही घोषणा की है जिसमें से 20 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी। बाढ़ के कारण कॉफी, धान और काली मिर्च की खेती को काफी नुकसान हुआ है और आवासीय भवनों के लिए उपयुक्त आर्थिक सहायता की घोषणा की जायेगी।
मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बारिश के कारण होने वाली हानि के लिए उन्हें क्षतिपूर्ति करने के लिए सभी उपाय करेगी जबकि स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों ने कोडागु के लिए एक विशेष पैकेज मांग की है।
उपायुक्त श्रीविद्या ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस वर्ष रिकॉर्ड बारिश के परिणाम स्वरूप कई जगहों और नदियों और पर्यटक स्थानों और
निचले इलाकों में पानी भर गया है। कोडागू जिले के बडगेरे गांव के 300 से अधिक गांव बाढ़ के पानी में डूब गये और बाढ़ से बचने के लिए लोग ऊंचाई वाले स्थानों पर चले गये हैं। जिला प्रशासन गांव के लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालकर हेलिकॉप्टर की सहायता से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
श्रीरंगपट्टन और पांडवपुरा तालुक के कुछ गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। केआरएस के नीचे के कई क्षेत्रों में कृषि भूमि बाढ़ का पानी भर गया है। मंड्या के उपायुक्त एन मंजुश्री ने बाढ़ पीड़िताें को राहत पहुंचाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं।


