रेलवे शुरू करेगा दिव्यांग हेल्पलाइन सुविधाओं का होगा इजाफा
रेलगाड़ियों में दिव्यांगों की भी अब सुध ली जाएगी और उनके लिए नए कोच में जहां विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं वहीं रेलवे स्टेशनों पर इनकी सहायता के लिए भी कर्मियों की नियुक्ति की तैयारियां शुरू हो गई हैं

नई दिल्ली। रेलगाड़ियों में दिव्यांगों की भी अब सुध ली जाएगी और उनके लिए नए कोच में जहां विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं वहीं रेलवे स्टेशनों पर इनकी सहायता के लिए भी कर्मियों की नियुक्ति की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ये दिव्यांग सहायक ट्रेन से चढ़ने-उतरने और दिव्यांगों को ऑटो-टैक्सी दिलाने में भी सहायता करेंगे।
दिव्यांगों को दी जाने वाली रेल सुविधाओं की जानकारी भी टिकट बुकिंग काउंटर पर उपलब्ध करवाने और दिल्ली, सहित चारों महानगरों में एक माह के भीतर दिव्यांगों के लिए विशेष हेल्पलाइन शुरू करने का भी रेल मंत्रालय ने आदेश दिया है। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को ट्रेन से सफर करने वाले दिव्यांगों को तय समय में विशेष सुविधा उपलब्ध का निर्देश देते तय कया है कि ए-1 श्रेणी के सभी 75 रेलवे स्टेशनों पर छह माह में रेल सहायक तैनात कर दिए जाएं।
जबकि ए श्रेणी के 350 से अधिक स्टेशनों पर डेढ़ वर्ष में इन सहायकों की तैनाती की जाएगी। इसी प्रकार अन्य श्रेणियों के स्टेशनों पर तैनाती की जाएंगी। रेलवे बोर्ड ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चैन्नई में आगामी 30 दिन के भीतर दिव्यांगों के लिए समर्पित हेल्पलाइन शुरू करने का आदेश दिया है। जिसे बाद में देशभर में लागू कर दिया जाएगा। सभी यात्री टे्रनों में दिव्यांगों के लिए एक कोच आरक्षित होता है। रेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि दिव्यांगों के कोच-बर्थ पर अन्य यात्री कब्जा न करें।
रेल मंत्रालय के वरिष्ठ आधिकरियों के मुताबिक अगले दो माह में सभी डिविजन में एक शिकायत प्रकोष्ठ बनाकर इसमें एक अक्षमता निरीक्षक (डिसएबिलिटी इंस्पेक्टर) को तैनात किया जाएगा। ताकि दिव्यांगों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके।
स्टेशनों पर दिव्यांगों को समस्या न आए इसके लिए इंडियन रेलवे डेवलपमेंट आथॉरिटी को निर्देश दिया गया है कि रेलवे स्टेशन पुनर्विकास योजना में दिव्यांगों को दी जाने वाली सभी विशेष सुविधाओं का प्रावधान अनिवार्य किया जाए। इसमें स्टेशन के प्रवेश-निकास द्वार पर रैंप, शौचालय, प्रतीक्षालय मेंं सीट आदि शामिल है। हालांकि रेलवे अभी दिव्यांगों को नीचे वाली सीट देने सहित कई प्रावधानों को लागू कर चुका है।


