खाने के स्वाद से लेकर सफाई पर रेलवे बदलेगा व्यवस्था
रेलगाड़ियों में खाने के स्वाद से रेलवे की सेवाएं बेस्वाद हो रही हैं इसलिए अब इसमें सुधार के लिए रेल मंत्रालय ने सीधे कड़े फैसले लेते हुए उपाय शुरू कर दिए हैं

नई दिल्ली। रेलगाड़ियों में खाने के स्वाद से रेलवे की सेवाएं बेस्वाद हो रही हैं इसलिए अब इसमें सुधार के लिए रेल मंत्रालय ने सीधे कड़े फैसले लेते हुए उपाय शुरू कर दिए हैं।
इसके पहले कदम में जहां बेस किचन बनाने के काम को तेज किया जा रहा है वहीं जुलाई से 64 रेलगाड़ियों में मिनी पैंट्री कार की व्यवस्था की जाएगी। इन रेलगाड़ियों में गरीब रथ को शामिल किया जाएगा और फिर बाकी रेलगाड़ियों में भी यह सुविधा होगी।
रेलगाड़ियों में पैंट्री कार में सफाई पर विशेष जोर दिया जाएगा और ऐसी पैंट्री कार बनाई जाएगी जिसकी सप्ताह में एक बार पूरी तरह से धुलाई हो सके। रेलवे में फिलहाल करीबन 350 रेलगाड़ियों में पैंट्री कार की सुविधा है और 12 लाख भोजन के रेलयात्रियों को परोसे जाते हैं।
रेलयात्री अक्सर में खाने के स्वाद, अधिक वसूली, ठंडा खाना परोसे जाने व गंदगी की शिकायत करते हैं। इसे देखते हुए रेल मंत्रालय की सख्ती के बाद अब हर रेलगाड़ी में कम से कम 10 प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें खरीदी जाएंगी और यात्री अपने कार्ड से बिल लेकर भुगतान कर सकेंगे। सभी रेलवे के जोन्स में तीन हजार पीओएस मशीनें खरीदी जाएंगी।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया कि देश भर में 68 बेस किचन बनाने का काम तेजी से चल रहा है और मार्च 2019 तक 35 बन जाएंगे अभी तक 16 बन कर तैयार हैं। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि कभी भी अधिकारी खाना बनाने की प्रक्रिया का निरीक्षण कर सकें।
उन्होने बताया कि रेलवे मार्च 2019 तक पर्यावरण हितैषी गन्ने के छिलकों से बनने वाली ट्रे की शुरूआत करेगी ताकि पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना यात्रियों को खाना परोसा जा सके। इसके अलावा बहुत ज्यादा खाना न परोसकर रूचिकर कॉम्बो को प्रोत्साहित किया जाएगा इससे सुविधाजनक खानपान सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होने बताया कि रेलगाड़ियों में सभी व्यवस्थाओं को जांचने के लिए भी एक पैंट्री प्रबंधक की नियुक्ति की जाएगी इसके लिए आईआरसीटीसी को निर्देश दिए गए हैं जो अपने सभी पांचों जोन में इस पर काम शुरू कर रहा है।


