रेल को पटरी पर लाने के लिए 35 हजार करोड़ जुटाएगा रेलवे
भारतीय रेल को पटरी पर लाने के लिए सरकार 35 हजार करोड़ रूपए जुटाकर, रेलवे की आधारभूत ढांचे के लिए मुहैया करवाएगी
नई दिल्ली। भारतीय रेल को पटरी पर लाने के लिए सरकार 35 हजार करोड़ रूपए जुटाकर, रेलवे की आधारभूत ढांचे के लिए मुहैया करवाएगी। इसके लिए दुनिया भर से वित्तीय प्रबंधकों की नियुक्ति का प्रस्ताव अब मंत्रिमंडल में प्रस्ताव भेजा जाएगा।
आधारभूत संरचना विकास निधि में रेलवे 49 प्रतिशत तक योगदान देगा और बाकी वित्तीय संस्थान जुटाएंगे और फंड मैनेजर परियोजना के मुताबिक धनराशि मुहैया करवाएंगे। तीन वर्ष की उपलब्धियों पर रेल मंत्रालय में यह जानकारी देने के लिए निदेशक, कार्यकारी निदेशक स्तर के अधिकारी सामने आए।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, सदस्य व रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु से लेकर उनके दो सहयोगी मंत्री भी रेलवे की तीन वर्ष की उपलब्धियां गिनवाने नहीं आए।
अधिकारियों ने यात्रियों को नुकसानदायक बताते हुए कहा कि यात्रियों पर रेलवे 80 हजार खर्च कर 50 हजार की आमदनी करता है। समय पर रेलगाड़ियों को चलाने के सवाल पर भी इन अधिकारियों ने तर्क किदया कि अभी दिल्ली हावड़ा, दिल्ली मुंबई के कॉरीडोर पर ही 63 स्थानों पर पटरियों के रखरखाव के कारण धीमी गति के निर्देश दिए जाते हैं।
चूंकि सुरक्षित रेल परिचालन व रखरखाव जरूरी है इसलिए कई अवसरों पर देरी हो जाती है लेकिन 2020 तक कम से कम 95 फीसद समयबद्घ परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा। नई दिल्ली तो स्थानी निकाय के आपत्तियों के चलते विश्वस्तरीय स्टेशन नहीं बन पाया लेकिन वर्ष 2018 में हबीबगंज व गांधी नगर प्राइवेट कंपनी द्वारा विश्वस्तरीय स्टेशन जरूर बना दिए जाएंगे।
इसके साथ ही आनंद विहार, बिजवासन के लिए शीघ्र ही निविदाएं आमंत्रित कर रहे हैं ताकि इन्हें भी विश्वस्तरीय स्टेशन के तौर पर बनाया जा सके। उपलब्धियों के नाम पर अधिकारी बताते हैं कि बीते वर्ष में 37 करोड़ बर्थ की जगह 50 करोड़ बर्थ उपलब्ध करवाई हैं और हावड़ा, मुम्बई लाइन पर गति बढ़ाने में दो से तीन वर्ष लगेंगे इसके बाद रेलगाड़ियों की आवाजाही भी समय पर हो सकेगी।
इन अधिकारियों ने बताया कि अभी 130 स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा हो गई है और इसी वर्ष 300 स्टेशन कर दिए जाएंगे। रेलवे की सेहत बताने वाले ऑपरेटिंग रेशियो 92 प्रतिशत हो गया है लेकिन इसे सुधारने का दम भरने वाले अधिकारी दावा कर रहे हैं कि 2020 तक यात्रियों को उनकी मांग के मुताबिक आरक्षित सीट मुहैया करवाएंगे।
मालगाड़ियों का टाईम टेबल होगा, ब्रॉडगेज नेटवर्क में मानवरहित क्रॉसिंग नहीं होंगे, मालगाड़ियों की 50 किलोमीटर व मेल एक्सप्रेस गाड़ियों की गति औसतन 80 किलोमीटर की जाएगी। इसके अलावा सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी चलाई जाएगी और शौच मुक्त पटरियों को बनाने की दिशा में महती कदम उठाए जाएंगे।
हालांकि अधिकारी इस बात पर चुप ही रहे कि छोटी-छोटी परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन साल की सरकार की उपलब्धियां बखान करने वाली श्रृंख्ला में खुद सामने क्यों नहीं आए?
हां, अधिकारियों ने बताया कि रेल आधारभूत ढांचा विकास फंड के तहत अब मंत्रिमंडल से मंजूरी ली जाएगी ताकि एक वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति कर दुनिया के बड़े वित्तीय संस्थानों से 35 हजार करोड़ रूपए जुटाए जा सकें और तब इन योजनाओं को पूरा किया जाएगा।


