रेलवे ने पिछले साल साढ़े चार हजार किमी लम्बा ट्रैक बदला, हादसे में आई कमी
रेलवे ने पिछले साल सबसे ज्यादा 4 हजार 4 सौ पांच किलोमीटर ट्रैक बदला। इसका सीधा असर रेल हादसों पर देखने को मिला है

बिलासपुर। रेलवे ने पिछले साल सबसे ज्यादा 4 हजार 4 सौ पांच किलोमीटर ट्रैक बदला। इसका सीधा असर रेल हादसों पर देखने को मिला है। रेल्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में 73 हादसे हुए जो 57 साल में सबसे कम है।
इसके पिछले साल यानी 2016-17 में हादसों की संख्या 104 थी। पिछले साल के मुकाबले मौत का आंकड़ा भी 58' तक था। रेल्वे ने सुरक्षा में बढ़ोतरी का श्रेय ट्रैक नवीनीकरण प्रक्रिया को दिया है।
रेल्वे बोर्ड के मुताबिक इस साल 4 हजार 4 सौ 5 किलोमीटर रेल्वे ट्रैक बदला गया। किसी भी वित्त वर्ष में यह सबसे ज्यादा नवीनीकरण है। इसके पहले 2004-05 में 4 हजार एक सौ 75 किलोमीटर रेल लाइन बदली गई थी।
इसमें 17 हजार करोड़ की लागत आई थी। 2017-18 में ट्रेनों ने सबसे ज्यादा 1 सौ 70 करोड़ किलोमीटर दूरी तय की। 1960-61 में यह दूरी 38 करोड़ किलोमीटर थी। रेलवे के मुताबिक इस साल रेलवे से जुड़े हादसों में कुल 254 लोगों की जान गई। जो पिछले साल 607 के मुकाबले करीब 58 प्रतिशत कम रही। ट्रेन डिटेलमेट की घटनाओं में भी इस साल कमी दर्ज की गई।
इस साल 54 बार ट्रेन बेपटरी हुई पिछले साल ऐसे 78 हादसे हुए थे। रेलवे क्रॉसिंग पर पिछली साल के 30 हादसों की तुलना में इस साल 17 घटनाएं हुई। आंकड़ा 1960-61 2 हजार एक सौ 31 हादसे, 1970-71 8 सौ 40 हादसे, 1980-81 में एक हजार 13 हादसे, 1990-91 5 सौ 32 हादसे, 2010-11 एक सौ 41 हादसे, 2016-17 एक सौ 8 हादसे हुआ है।


