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ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र और बुन्देलखंड में रेलवे की परियोजनाओं को मंजूरी

सरकार ने ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रेलवे की नयी लाइन, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण की साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये से अधिक की पांच परियोजनाओं को आज स्वीकृति प्रदान की।

ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र और बुन्देलखंड में रेलवे की परियोजनाओं को मंजूरी
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नयी दिल्ली। सरकार ने ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र, उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र और उत्तर बिहार में रेलवे की नयी लाइन, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण की साढ़े ग्यारह हजार करोड़ रुपये से अधिक की पांच परियोजनाओं को आज स्वीकृति प्रदान की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की आज यहाँ हुई बैठक में ओडिशा में जैपुर से मलकानगिरि खंड में नयी रेल लाइन बिछाने, मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकि नगर, झाँसी-मानिकपुर एवं भीमसेन खैरार तथा भटनी-औड़िहार रेल लाइनों के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।

आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि 130 किलोमीटर लंबी जैपुर-मलकानगिरि नयी रेल लाइन परियोजना पर 2676.11 करोड़ रुपये की लागत आयेगी जिसका काम 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है। यह रेल लाइन बिछने से ओडिशा के इस घोर नक्सली उग्रवाद प्रभावित इलाके के विकास में मदद मिलेगी। ओडिशा के महत्वपूर्ण शहरों कोरापुट, जेपोर के साथ छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जगदलपुर, दंतेवाड़ा तक कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कई अन्य स्थानों तक आवागमन की दूरी घटेगी।

दूसरी महत्वपूर्ण परियोजना 4955.72 करोड़ रुपये की लागत से बुन्देलखंड के झांसी से मानिकपुर और कानपुर के भीमसेन से खैरार तक कुल 425 किलोमीटर तक लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण की है। इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश के झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट धाम और मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला कवर होगा। इसके 2022-23 तक पूरी होने की संभावना है।

समर्पित माल गलियारा (डीएफसी) की कनेक्टिविटी भीमसेन स्टेशन के समीप है। इस प्रकार यह मार्ग डीएफसी के लिए फीडर मार्ग के रूप में कार्य करेगा और माल विशेष रूप से कृषि उत्पादों के बाज़ारों तथा निर्यात के लिए बंदरगाहों तक सुगम संचालन से आर्थिक और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा। इसी तरह से सीमेंट की सुगम परिवहन व्यवस्था होने से सतना के सीमेंट क्लस्टर और आधारभूत ढांचा क्षेत्र को भी बहुत लाभ होगा। मध्यप्रदेश में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल खजुराहो के लिए भी रेल संपर्क आसान होगा।

उत्तर प्रदेश के देवरिया, बलिया, मऊ और गाजीपुर जिलों से गुजरने वाली 116.95 किलोमीटर लंबी भटनी-औड़िहार रेल लाइन के दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण पर 1300.9 करोड़ रुपये की लागत आने की योजना है। औड़िहार वाराणसी मंडल का महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह छपरा, भटनी, जौनपुर और वाराणसी से जुड़ा हुआ है। भटनी-औड़िहार खंड पर दोहरीकरण तथा विद्युतीकरण पूरा होने से मुगलसराय और इलाहाबाद के बीच से गुजरने वाली कुछ ट्रेनों को इस मार्ग से चलाया जा सकेगा। इससे उत्तर भारत से बिहार, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर की ओर जाने वाले यात्रियों को फायदा होगा।

बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण जिलों से गुजरने वाली दो रेल लाइनों का भी दोहरीकरण और विद्युतीकरण किया जायेगा। मुजफ्फरपुर-सगौली की 100.6 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर परियोजना की अनुमानित लागत 1347.61 करोड़ रुपये और 109.7 किलोमीटर लंबी सगौली-वाल्मीकिनगर लाइन पर 1381.49 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इससे मुजफ्फरपुर और वाल्मिकी नगर के बीच रेल लाइन पर यातायात सुचारू करने में मदद मिलेगी।


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