रेल मंत्रालय ने किया रेलवे स्टेशनों का पुनर्वर्गीकरण
रेल मंत्रालय ने एक बड़े नीतिगत निर्णय में देश के सभी रेलवे स्टेशनों के वर्गीकरण में व्यावहारिक आधार पर बदलाव किए हैं और स्टेशनों पर संरक्षा कार्यों को मंजूरी देने के लिये असीमित अधिकार दे दिये हैं

नयी दिल्ली। रेल मंत्रालय ने एक बड़े नीतिगत निर्णय में देश के सभी रेलवे स्टेशनों के वर्गीकरण में व्यावहारिक आधार पर बदलाव किए हैं और स्टेशनों पर संरक्षा कार्यों को मंजूरी देने के लिये असीमित अधिकार दे दिये हैं तथा वे निचली श्रेणी के स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाओं के कार्यों के बारे में फैसला ले सकेंगे।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आमदनी, स्टेशन से आने जाने वाले यात्रियों की संख्या एवं रणनीतिक महत्व के आधार पर उनके पुनर्वर्गीकरण करने के निर्देश दिए थे ताकि स्टेशनों पर यात्री सेवाएं एवं सुविधाएं बढ़ाने की योजना सही प्रकार से बनाई जा सके।
पहले स्टेशनों पर ए-1, ए, बी, सी, डी, ई एवं एफ इन सात श्रेणियों में बांटा गया था। अब स्टेशनों को उपनगरीय, गैरउपनगरीय और हाल्ट इन वर्गों में बांटा गया और फिर गैरउपनगरीय (एनएसजी) स्टेशनों को एक से लेकर छह, उपनगरीय (एसजी)स्टेशनों को एक से लेकर तीन और हाल्ट (एचजी) स्टेशनों को भी एक से लेकर तीन की श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार से रेलवे स्टेशन अब 12 श्रेणियों में विभाजित किए गये हैं।
नये वर्गीकरण के कारण बहुत से स्टेशनों जैसे पनवेल, कल्याण, तांबरम आदि को ऊंची श्रेणी मिल गयी है। पांच सौ करोड़ से अधिक आमदनी एवं दो करोड़ से अधिक यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों को एनएसजी-1 स्टेशन माना जाएगा जबकि सौ से पांच सौ करोड़ रुपए के बीच आय अौर एक से दो करोड़ यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों को एनएसजी-2 श्रेणी में रखा जाएगा।
उपनगरीय श्रेणी में 25 करोड़ से अधिक अामदनी एवं तीन करोड़ यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों को एसजी-1 वर्ग में रखा गया है जबकि हाल्ट श्रेणी में 50 लाख रुपए से अधिक आय एवं पांच लाख यात्रियों की आवाजाही वाले स्टेशनों को एचजी-1 श्रेणी में रखा गया है।
एनएसजी में कुल 5976, एसजी में 484 और 2153 स्टेशन हैं। इस प्रकार कुल 8613 स्टेशनों को वर्गीकृत किया गया है।


