Top
Begin typing your search above and press return to search.

रेलवे पिछड़ा, हवाई अड्डे पर है माताओं के लिए विशेष स्तनपान कक्ष

ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर लेरिसा वाटर ने सदन के भीतर अपने दुंधमुंहे बच्चे को स्तनपान करवाकर दुनिया को जहां संदेश वहीं हाल

रेलवे पिछड़ा, हवाई अड्डे पर है माताओं के लिए विशेष स्तनपान कक्ष
X

नई दिल्ली (देशबन्धु)। ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर लेरिसा वाटर ने सदन के भीतर अपने दुंधमुंहे बच्चे को स्तनपान करवाकर दुनिया को जहां संदेश वहीं हाल ही में एक अन्य देश केउपराष्ट्रपति की बेटी ने भी अपने बच्चे को स्तनपान करवाकर दुनिया में मां के सम्मान को स्थापित किया। सात अगस्त तक दुनिया भर में मातृत्व को समर्पित विश्व स्तनपान सप्ताह से पूर्व देश की राजधानी नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन तक पर एक मां को यह गौरव निजता के साथ मयस्सर नहीं हो सका है। जबकि करीबन एक माह पूर्व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की मांग पर इस आशय के आदेश रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने दे दिए थे।

रेलवे ने देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर बने प्रतीक्षालय में स्तनपान करवाने के लिए विशेष प्रबंध के निर्देश दिए थे। हालांकिअभी यह सुविधा चुनिंदा स्टेशनों पर ही शुरू होनी थी, लेकिन यह नई दिल्ली में उपलब्ध नहीं हो सकी है। लेकिन रेलवे इकलौता ऐसा स्थान नहीं है हाल ही में किए गए एक स्तनपान सर्वेक्षण से पता चला है कि देश के 50 प्रतिशत से अधिक कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यालय में अपने बच्चों को स्तनपान करवाने की उचित सुविधा नहीं है। इसके चलते उन्हें स्तनपान के साथ-साथ अपना काम जारी रखने में मदद नहीं मिल पाती है।

सर्वेक्षण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई आदि बड़े शहरों में किया गया। सर्वेक्षण के परिणामों में ये भी तथ्य सामने आए हैं कि 78 प्रतिशत भारतीय माताओं ने बच्चों के लिए मजबूत और स्वस्थ नींव सुनिश्चित करने के लिए प्रसव के बाद पहले 6 महीनों के लिए विशेष रूप से अपने शिशुओं का स्तनपान करने की योजना बनाई थी, इनमें से 54 प्रतिशत ने मां बनने के बाद अपने कैरियर की आकांक्षाओं को छोड़ दिया था।

माताओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयेाजित होने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) के सर्वेक्षण में भारतीय कार्यस्थलों और कंपनियों के लिए तत्काल जरूरत को प्राथमिकता देने की जरूरत को सामने रखा। सर्वेक्षण करने वाली संस्था मेडेला इंडिया की प्रबंध निदेशक एमिली मॉलर्ड ने कहा कि 'आज नई बनी माताओं का एक बड़ा हिस्सा मातृत्व की जिम्मेदारियों और एक पेशेवर के बीच जकड़न महसूस कर रहा है। इसलिए, घरों और काम के बीच माताओं को एक तरह से डबल-शिफ्ट में काम करने में मदद के लिए कॉर्पोरेट्स की भूमिका तेजी से महत्वपूर्ण हो रही है।

ऐसे में कई नए प्रयास जैसे कि अलग से फीडिंग रूम स्थापित करने से ना सिर्फ नई माताओं को अपने शिशुओं की देखभाल करने में मदद करेगा बल्कि संगठनों से उनकी नौकरी छोड़ने की दर को भी कम करेगा। दिल्ली के हवाई अड्डे पर स्तनपान के लिए विशेष स्थान पर जीएमआर के उपाध्यक्ष युवराज मेहता कहते हैं-'मां अपने बच्चों को स्तनपान करवा सके इसके लिए वह हवाई अड्डे पर किसी भी कर्मी से कहे तो वह उन्हें सम्मानित लहजे में उस कक्ष तक ले जाएंगे जहां महिलाएं उनकी सुरक्षा में होती हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it