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नपं सरिया में पार्षद निधि का दुरुपयोग;4 सौ की डस्टबिन को 16 सौ में खरीदने का मामला

रायगढ़ ! स्वच्छता के नाम पार्षद अपने ही निधि में डाका डाल रहे हैं। मामला सरिया नलगर पंचायत का है। जहां आधा दर्जन से अधिक पार्षदों ने अपने निधि से 2-2 लाख रूपए खर्च कर 113 नग, प्लास्टिक के डस्टबिन की

नपं सरिया में पार्षद निधि का दुरुपयोग;4 सौ की डस्टबिन को 16 सौ में खरीदने का मामला
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रायगढ़ ! स्वच्छता के नाम पार्षद अपने ही निधि में डाका डाल रहे हैं। मामला सरिया नलगर पंचायत का है। जहां आधा दर्जन से अधिक पार्षदों ने अपने निधि से 2-2 लाख रूपए खर्च कर 113 नग, प्लास्टिक के डस्टबिन की खरीदारी की है। पार्षद निधी के दुरुपयोग का खुलासा तब हुआ। जब उक्त डस्टबीन की बाजार कीमत करीब 350-400 रूपए है। जबकि उसे 1600 रूपए से अधिक की दर पर खरीदारी की गई है।
सरिया नगर पंचायत में एक और भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। जहां जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने ही राशि को स्वच्छता के बहाने जेब गर्म करने में लगे हुए हैंं। मिली जानकारी के अनुसार सरिया नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 4, 5, 7, 8,10, 12,15 के पार्षद, अपने निधी से प्लास्टिक की डस्टबीन खरीदने की अनुशंसा की है। हालांकि पूरी प्रक्रिया टेंडर व एक फर्म के जरिए की गई है। पर डस्टबीन की कीमत पर सवाल उठ रहे हैं। जिसकी चर्चा नगर पंचायत कार्यालय के अंंदर व बाहर इनदिनों जोरों पर है। सूत्रों की माने तो पार्षद निधि से 50 लीटर के 113 नग डस्टबीन की खरीदारी हुई है। जिसकी बाजार कीमत चिल्हर में करीब 350 से लेकर 400 रूपए है। पर 113 नगर की डस्टबीन की खरीदारी में दो लाख रूपए खर्च होने की बात कही जा रही है।
बाजार भाव से 4 गुना अधिक
इस लिहाज से एक बाल्टी की कीमत करीब 1600 रूपए से अधिक है। जो बाजार भाव से चार गुना अधिक है। स्वच्छता के नाम पर नगर पंचायत में हो रही इस लूट पर विभागीय अधिकारी भी उदासीन है। वार्ड में उनके द्वारा तो डस्टबीन खरीदारी की बात को स्वीकार किया जा रहा है। पर उसमें भ्रष्टाचार की बात से साफ इंकार किया जा रहा है। जो जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है।
प्लास्टिक में दिखा अधिक मुनाफा
जानकारों की माने तो प्लास्टिक के आइटम में मुनाफा अधिक होता है। जिसकी वजह से जनप्रतिनिधि भी प्लाास्टिक डस्टबीन की मदद से अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं। विदित हो कि नगर पंचायत में जनहित से जुड़े मामले व विकास कार्य को लेकर पार्षद को उक्त राशि खर्च करने का अधिकार दिया जाता है। पर स्वच्छता के नाम पर प्लास्टिक डस्टबीन की खरीदारी कर उक्त फंड का दुरुपयोग करने की बात कही जा रही है।
पार्षद खो रहे जनता का विश्वास
डस्टबीन खरीदी में गई गड़बड़ी के बाद अधिकांश पार्षदों के खिलाफ आवज उठने लगे हैं। वहीं जनता के प्रतिनिधि के इस खेल पर स्थानीय लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है। लोगों की माने तो अगर शासन की राशि का ऐसे ही दुरुपयोग होगा तब विकास कार्य व उसकी गुणवत्ता, कैसे बेहतर होगी।


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