दुष्कर्म के दो मामलों में तीन आरोपियों को 10 वर्ष की कड़ी कैद
रायगढ़ । आज द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिश दुबे ने 14वर्षीय बालिका को न्याय दिलाने का अहम फैसला लिया जिसमें आरोपी प्रदीप सोनवान पर आरोप था कि एक 14वर्षीय बालिका को

रायगढ़ । आज द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिश दुबे ने 14वर्षीय बालिका को न्याय दिलाने का अहम फैसला लिया जिसमें आरोपी प्रदीप सोनवान पर आरोप था कि एक 14वर्षीय बालिका को बहला फुसला कर शादी करुगा कह कर भगाकर बस से तपकरा ले गया 4-5 दिन घुमाने के बाद राबर्टसन प्लेट फार्म मे रखकर रात्रि मे सूने स्थान पर ले जाकर लगातार बलात्कार किया पीडि़ता की सहमति के संबंध में यदि यह मान भी लिया जाये कि पीडि़ता आरोपी से प्रेम संबंधों से प्रेरित हो कर आरोपी के साथ चली गयी थी तो भी चुंकि पीडि़ता 14 वर्ष की नाबालिग लडक़ी है अत: उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना उसकी सहमति या इच्छा नहीं माना जायेगा और वह बलात्कार की श्रेणी मे आयेगा अत: आरोपी पर सारे आरोप सिद्ध पाये गये और धारा 6 लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000रुपये अर्थ दण्ड एवं धारा 363 भा.द.वि. के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास एव 500 रु अर्थ दण्ड एवं धारा 366 भा.द.वि. के तहत 3वर्ष सश्रम कारावास एवं 500रु अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है अर्थ दण्ड अदा नहीं करने पर प्रत्येक धारा 6-6 माह मे अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी उक्त प्रकरण मे अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक पी. एन गुप्ता ने पैरवी की।
फास्ट ट्रेक कोर्ट न्यायाधीश श्रीमती ममता शुक्ला ने आज ममेरी बहन से बलात दुष्कर्म करने वाले मां व बेटे कोहाकुंडा के आशुतोष सुपकार को दस साल की सश्रम कारावास व पांच हजार का अर्थ दंड तथा उसकी मां बिंदिया सुपकार को सात साल सश्रम कारावास व दो हजार के जुर्माने की सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 साल की अवयस्क बालिका अपने पिता की मृत्यु व मां की मानसिक हालत ठीक नहीं होने से दादी के साथ अपनी बुआ बिंदिया के यहां तीन साल से रह रही थी जिसके साथ बुआ के बेटे आशुतोष सुपकार ने एक साल तक बलात संभोग किया जिससे एक बच्चा भी पैदा हुआ था जिसकी मृत्यु हो गयी बालिका ने 12फरवरी 15 से किये जा रहे इस कुकर्म से बुआ बिंदिया को कई बार बताया लेकीन उसने डाट डपटकर उसे ही चुप करा दिया मां बेटे की प्रताडऩा से अजीज आ चुकी पीडिता ने अमित पटनायक के जरिये बाल कल्याण समिति से संपर्क किया और उसे सारी जानकारी दी तो उन्होने उसे अनाथालय में भर्ती कराया तथा मां बेटे के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी जिस पर पुलिस ने पास्को एक्ट का मामला पेश किया ओर अभियुक्तो को अपनी करनी की सजा मिल सकी।


