शौचालय निर्माण की अनुदान राशि में कटौती
रायगढ़ ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा स्वच्छता अभियान की शुरूआत की गई। इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त करने के लिए ओडीएफ योजना भी बनाई गई,

हितग्राहियों में असंतोष अधिकारी उदासीन
रायगढ़ ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा स्वच्छता अभियान की शुरूआत की गई। इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायत को खुले में शौच मुक्त करने के लिए ओडीएफ योजना भी बनाई गई, लेकिन अब भी ऐसे कई ग्राम पंचायत हैं, जो ओडीएफ नहीं हो चुके हैं कुछ ग्राम पंचायत में ओडीएफ का काम चालू है, पर प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी का फायदा उन ग्राम पंचायत में निर्माण एजेंसी व सरपंच उठाने में लगे हुए हैं। कुछ इसी तरह का उदाहरण ग्राम पंचायत रेंगालपाली में देखने को मिल रहा है। जहां सरपंच के द्वारा गांव में बनाए जा रहे शौचालय को गुणवत्ताविहीन बनाया जा रहा है। इससे गांव का कोई भी ग्रामीण खुश नहीं है और सरपंच के खिलाफ आरोप लगाया जा रहा है कि बारह हजार में बनने वाला शौचालय मात्र लगभग पांच हजार तक बना दिया जा रहा है। इस गांव में महिला सरपंच का पति ही सरपंच बनकर पूरे फर्जीवाडे को अंजाम दे रहा है।
पुसौर ब्लॉक का ग्राम पंचायत रेंगालपाली ओडि़शा से लगा हुआ है। ऐसे में यहां तक अधिकारी भी नहीं पहुंचते हैं। जिसका फायदा यहां के जनप्रतिनिधियों के द्वारा उठाया जाता है। बड़माल के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है, पर घटिया स्तर का यहां शौचालय निर्माण किया जा रहा है। आठ सौ ईंटे दिए जा रहे हैं और 8 से 10 कावंर रेत व एक बोरी सीमेंट में एक शौचालय बनाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने में अगर मजदूरों की मजदूरी भी जोड़ा जाए, तो बारह हजार रुपए एक शौचालय के पीछे खर्च नहीं किया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत रेंगालपाली में करीब 276 शौचालय बनना है और अब तक महज 40 शौचालय ही निर्माण हो सका है। ग्रामीणों का कहना है कि कछुआ गति से निर्माण चल रहा है। घटिया स्तर का शौचालय निर्माण के बाद भी अधिकारियों के द्वारा लगातार मानिटरिंग नहीं की जा रही है। ऐसे में जनप्रतिनिधि ओडीएफ के नाम पर मोटी कमाई करने में लगे हुए हैं। जब स्थानीय लोगों रूपलाल, सूरज कुमार, सुखमति ग्रामीण, अमित मिश्रा से बात की तब पता चला कि किस तरह सरपंच पति कुछ लोगों के साथ मिलकर ओडीएफ में फर्जीवाडे को अंजाम दे रहें है। 12 हजार 5 सौ की सरकारी लगात से बनने वाले शौचालय निर्माण में मात्र 4 से 5 हजार रूपये खर्च करने की जानकारी मिलने के बाद हमारी टीम सरपंच के घर पहुंची तो अपनी पत्नी के नाम से पूरे गांव में बन रहे 276 शौचालयों में से 40 के निर्माण होनें की जानकारी हमें मिली और निर्माण कार्य में होनें वाली घटिया सामग्री तथा लापरवाही मामले में सरपंच पति सफाई दर सफाई देते नजर आये। हमने उनकी पत्नी जो ग्राम रेंगालपाली की सरपंच है उनसे बात की तो बातचीत के दौरान हर सवाल का जवाब अपने पति से लेने के बाद वह किसी भी फर्जीवाडे से इंकार करते नजर आई। चर्चा के दौरान महिला सरपंच ने इस बात को माना कि निर्माण कार्य में कोई टेक्निकल टीम उनके साथ नही है गांव के ही दो युवक ठेकेदार बनाये गये है और शौचालय निर्माण कार्य चल रहा है। उसके अनुसार अधिकारी आते है और देखकर चले जाते है। बहरहाल दुरस्त ग्रामीण अंचलों में ओडीएफ के नाम पर बने रहे शौचालयों में सरकारी राशि की बंदरबांट की जानकारी का खुलासा होनें के बाद यह बात साफ हो जाती है कि किस तरह गांव में सरपंच अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाडे को अंजाम देकर लाखों रूपये कमाने में लगा हुआ है और अधिकारी आंकडे जुटाकर इन सब पर पर्दा डालते नजर आ रहें है।


