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विकास कार्य नहीं होने से भडक़े पार्षद,सामान्य सभा की बैठक में उठे कई मुद्दे

रायगढ़ ! नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में आज शहर के भीतर रूके पडे विकास कार्यो का मुद्दा छाया रहा और कांगे्रस भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने महापौर, सभापति तथा निगम के

विकास कार्य नहीं होने से भडक़े पार्षद,सामान्य सभा की बैठक में उठे कई मुद्दे
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रायगढ़ ! नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में आज शहर के भीतर रूके पडे विकास कार्यो का मुद्दा छाया रहा और कांगे्रस भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने महापौर, सभापति तथा निगम के अधिकारियों पर पार्षदों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस दौरान भाजपा पार्षद आशीष ताम्रकार ने सावित्री जिंदल सेतु नामकरण का मामला उठाकर इस मामले को फिर से हवा दे दी।
नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में आज शहर में रूके पडे विकास कार्यो तथा पार्षद निधी का उपयोग नही करने का मुद्दा छाया रहा। अधिकांश पार्षदों ने रूके पडे विकास कार्यो पर अपनी नाराजगी जाहिर की। आज की बैठक निर्धारित समय दोपहर ढाई बजे से करीब एक घंटा विलंब से शुरू हुई और बैठक शुरू होते ही सभापति सलीम नियारिया ने विधानसभा की तर्ज पर निगम के साधारण सम्मेलन को संचालित करने का हवाला देते हुए निगम आयुक्त के परिषद के पीछे बैठने की जानकारी पार्षदों को दी जिस पर सभी पार्षदों की सहमति से सभापति ने आयुक्त विनोद पाण्डेय को ससम्मान अपने बगल में बिठाया। इसे बाद एजेंडे पर चर्चा से पहले विभिन्न पार्षदों द्वारा पूर्व में पूछे गये प्रश्रों के आधार पर लाटरी सिस्टम से चिट निकाला गया। मगर पार्षद हरि शराफ ने इससे पहले ही नगर निगम क्षेत्र में पिछले 6 माह के दौरान कोई भी काम नही होनें का आरोप लगाते हुए सभापति से जानना चाहा कि क्या आज की बैठक भी केवल जुबानी जमाखर्च और चाय नाश्ता से संपन्न कर ली जाएगी। उन्होंने पार्षद निधी का उपयोग नही करने को लेकर भी सवाल खडे किये और निगम कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं कांगे्रस पार्षद शाखा यादव का कहना था कि जनप्रतिनिधियों को मांगने पर भी जानकारी नही दी जा रही है ऐसे में पार्षद क्या केवल आम जनता की बात सुनने के लिये चुने गये है। इस पर सभापति ने जानकारी दी कि आयुक्त के पास सभी मामलों के फाईल रहती है जिसे कोई भी पार्षद आयुक्त की अनुमती से देख व पढ़ सकता है।इसके बाद लाटरी पद्धति से निकाले गये चिट पर सबसे पहले पार्षद कविता मिश्रा का नाम निकला जिस पर कविता का कहना था कि उनके वार्ड में स्थित गुलमोहर कालोनी तथा श्रीराम कालोनी में बरसात के दिनों में पानी भर जाता है, रोड नाली की भी समस्या है और बार-बार आवेदन देने के बावजूद इस समस्या का निदान नही हो पा रहा है उन्होंने निगम के किसी भी मद से उनके वार्ड की समस्या का हर हाल में निदान उठाने की मांग उठाई, इसके बाद पार्षद सरस्वती भगत ने अपने वार्ड के मुख्य बस्ती में सीसीरोड, उर्दना डीपापारा में सीसी रोड तथा नाली निर्माण नही होनें का आरोप लगाया। इस पर शाखा यादव ने सदन के सामने टिप्पणी की कि जो काम स्वीकृत हैं उनका काम भी नही हो रहा है उन्होंने इस मामले में महापौर पर भी टीका टिप्पणी की। इसके बाद चिट के आधार पर निकाले गये नाम में पार्षद सीनु राव का नाम आने पर उनका आरोप था कि पार्षदों के प्रश्नों का जवाब ही नही मिलता है तो ऐसे में कोई प्रति प्रश्न कैसे करे, उन्होंने यह भी आरोप लगाये कि निगम क्षेत्र में पैसा आया, काम भी हुआ मगर मांगने पर जनप्रतिनिधियों को जानकारी नही दी जा रही है जो मुख्यमंत्री के प्रयासों की धज्जियां उड़ाने की तरह है। आक्रोशित पार्षद ने यहां तक कह डाला कि अगर निगम चलाना नही आता तो न चलाओ मगर कम से कम पार्षदों को इस तरह बुलाकर अपमानित न किया जाये। वहीं पार्षद संदीप क्षत्रीय ने साप्ताहिक तथा दैनिक बाजार की नीलामी एवं वसूली के संबंध में जानकारी मांगी और निर्धारित समय तक अपेक्षित राशि जमा न होनें पर संबंधित ठेकेदार तथा निगम कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिसका एल्डरमेन, अफरोड डायमंड, मनीष सोलंकी ने भी समर्थन किया। पार्षद श्री क्षत्रीय का आरोप था कि ठेकेदार पूरी वसूली कर रहा है आधी राशि किश्त में जमा कर रहा है और निगमकर्मी नोटिस देकर खानापूर्ति करते हुए उसे संरक्षण देकर नोटिस-नोटिस का खेल खेलने में मगन है। जिस पर राजस्व प्रभारी रामकृष्ण खटर्जी ने जवाब दिया कि पैसा नही पटाने पर संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई होगी। वहीं पार्षद क्षत्रीय ने मांग उठाई कि एक सप्ताह के भीतर पर्याप्त वसूली न होनें पर कार्रवाई की जाये। पार्षद चंद्रप्रकाश बब्बल ने भी पार्षद निधी का सही ढंग से उपयोग नही होनें का आरोप लगाते हुए उदाहरण दिया कि वर्ष 2015 में एल्डरमेन सुगमचंद फरमानिया द्वारा ढिमरापुर मुक्तिधाम में शेड व चबूतरा निर्माण के लिये पार्षद निधी से राशि स्वीकृत की थी जिसका काम अभी तक पूरा नही हुआ है उन्होंने इस काम में देरी करने वाले ठेकेदार या निगम कर्मी पर कार्रवाई की मांग उठाई। उनका यह भी कहना था कि अधिकांश वार्डो में पार्षद निधी के काम ही नही हो रहें है। ऐसे में क्या पार्षदों को बदनाम करने की मंशा है और इसके लिये कौन जिम्मेदार है। इस विषय पर महापौर ने भी पार्षद का समर्थन करते हुए कहा कि निगम के अधिकारी कर्मचारी काम कम करते है और राजनीति अधिक। बेहतर होगा कि वे अपने काम पर ध्यान दें। इसी दौरान एल्डरमेन नरेश गोरख ने भी आरोप लगाया कि निगम में जनप्रतिनिधियों का लगातार अपमान हो रहा है और ऐसे में निगम का जनप्रतिनिधी होनें पर वे अपने आप को शर्मिदा महसूस कर रहें है। पार्षद संजय देवांगन का कहना था कि ऐसे गंभीर मामलों में तर्क वितर्क न करके या तो कार्रवाई हो या फिर जवाबदेही तय हो। जिस पर अंत में आयुक्त श्री पाण्डेय ने व्यवहारिक कारणों का हवाला देते हुए विलंब की जानकारी दी और आगे से काम सही ढंग से होनें का आश्वासन दिया इसके बाद भाजपा पार्षद आशीष ताम्रकार ने सावित्री देवी जिंदल सेतु के नाम करण का मुद्दा उठाया जिसे लेकर पूरे सदन में काफी देर तक गर्मा गरम चर्चा होती रही। अधिकांश पार्षदों का आरोप था कि इस मामले में पूरे परिषद को धोखे में रखा गया है और अधिकारी कर्मचारियों ने संबंधित फर्म के चहेते को उपकृत किया है। पार्षद हरि शराफ ने यहां तक कहा कि पूर्व आयुक्त ने परिषद में लिये गये निर्णय को छुपाकर तत्कालीन जिलाधीश को न केवल गुमराह किया बल्कि शासन को भी गलत जानकारी दी। उन्होंने इस मामले में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की मांग उठाई। उनका यह भी कहना था कि एक बार परिषद में खारिज प्रस्ताव को दोबारा एमआईसी में लाकर एक तरह से पूरे सदन को धोखे में रखा गया है। वहीं पार्षद शाखा यादव ने भी कहा कि इसी तरह से मौदहापारा रोड का नामकरण भी सावित्री अग्रवाल के नाम से किया जाकर परिषद तथा शहर की जनता को धोखे में रखा गया है। जबकि इस मार्ग के लिये शिवसेना जिला इकाई के द्वारा सतनामी बहुल क्षेत्र होनें के कारण इस मार्ग का नामकरण गुरूघासीदास के नाम पर करने की मांग की गई थी। वहीं पार्षद बब्बल पाण्डेय ने जानकारी दी कि पूर्व में इस मार्ग का नामकरण पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से पहले ही हो चुका है। ऐसे में निगम की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान उठता है। कई घंटे तक चली चर्चा के दौरान एजेंडे पर तो कोई विशेष चर्चा ही नही हो सकी और अंत में सामान्य सभा की आज की बैठक को आगामी बैठक के लिये स्थगित कर दिया गया।


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