आदिवासियों की जमीन हड़पने का मामला : 3 सौ एकड़ कुनकुरी जमीन घोटाला उजागर करने वाले किसान की संदिग्ध मौत
रायगढ़ ! छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 300 एकड़ कुनकुनी, खरसिया आदिवासी जमीन घोटाला मामले में पीडि़त आदिवासी किसान एवं उक्त मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय सहित खरसिया एसडीएम

किसान जयलाल ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
रायगढ़ ! छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 300 एकड़ कुनकुनी, खरसिया आदिवासी जमीन घोटाला मामले में पीडि़त आदिवासी किसान एवं उक्त मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय सहित खरसिया एसडीएम न्यायालय में आदिवासियों की भूमि वापसी एवं धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज कराने याचिका लगाने वाले याचिकाकर्ता जयलाल राठिया उम्र 50 वर्ष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ग्रामीणों ने आदिवासी किसान नेता जयलाल राठिया के मौत पर हत्या का संदेह व्यक्त किया है।
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जयलाल राठिया का कल अचानक रात्रि 2-3 बजे के आसपास तबियत खराब हो गई। उसके परिजनों ने इसकी सूचना उसके पुत्र आनंद राठिया जो कि छाल सरकारी अस्पताल में ड्रेसर के पद पर कार्यरत है को दिया। वह देर रात ग्राम कुनकुनी पहुंचा। जयलाल राठिया को ग्रामीणों के सहयोग से एक निजी चिकित्सालय वनांचल केयर हॉस्पिटल इलाज के लिए ले जाया गया। जहां डॉक्टर जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। मृतक जयलाल राठिया के पुत्र आनंद राठिया के अनुसार सुबह लगभग 5 बजे खरसिया सिविल अस्पताल ले जाना भी बताया जा रहा है एवं डॉ. नवीन अग्रवाल को दिखाने के बाद जयलाल राठिया की मौत की पुष्टि की बात मृतक के पुत्र ने बयान में बताया जबकि खरसिया सिविल अस्पताल में डॉ नवीन अग्रवाल की वर्तमान में पदस्थापना ही नही है। वहीं जयलाल राठिया के खरसिया सिविल अस्पताल में लाने एवं किसी प्रकार के इलाज करने एवं भर्ती करने के सम्बन्ध में कोई भी जानकारी सिविल अस्पताल में एंट्री नही है। इससे मृतक जयलाल राठिया के पुत्र के बयान एवं जयलाल राठिया के मौत पर संदेह उत्पन्न होना लाजिमी है।
राठिया के इलाज से इंकार
जयलाल राठिया के पुत्र आनंद राठिया के द्वारा गम्भीर स्थिति में जयलाल को डॉ विक्रम राठिया वनांचल केयर इलाज के लिए लाना एवं डॉ. विक्रम द्वारा मौत होना बताता लेकिन डॉ. विक्रम ने मीडिया को जयलाल राठिया नाम के कोई भी जीवित अथवा मृत व्यक्ति का अपने हॉस्पिटल में भर्ती होने अथवा इलाज करने से साफ इंकार किया है।
सिविल अस्पताल में एन्ट्री नहीं
वनांचल केयर में मृत बताने के बाद पुष्टि के लिए डॉ विक्रम राठिया को दिखाने के बाद सिविल अस्पताल खरसिया लाये जाने का बयान मृतक के पुत्र ने दिया है। किंतु जिस डॉक्टर नवीन अग्रवाल से जाँच कराने का बयान दिया गया है वो डॉक्टर नवीन खरसिया चिकित्सालय में है ही नही। डॉ. सौरव अग्रवाल ने जयलाल को खरसिया अस्पताल में मृत अवस्था में लाये जाने की बात कही है। लेकिन मृतक जयलाल का खरसिया सिविल अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पोस्टमार्टम नही कराया जाना मामले को संदिग्ध बनाता है ।
एफआईआर करने याचिका
मृतक जयलाल राठिया ने मयाराम राठिया के साथ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में डब्लूपीसीआर/306/2016 को 3 अक्टूबर 2016 को दायर की थी। जिसमे 35 आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने हेतु याचिका अधिवक्ता एफ. एस. खरे के माध्यम से दायर की थी। जिसमे संलिप्त आरोपियों के द्वारा मृतक जयलाल राठिया को लगातार प्रकरण में राजीनामा करने दबाव बनाया जा रहा था। मृतक जयलाल राठिया के द्वारा अजजा आयोग,पीएमओ, सहित खरसिया एसडीएम न्यायालय में भी 170 ख् के तहत अपना एवं ग्रामीणों का जमीन वापसी का आवेदन दिया था। जिसके बाद से लगातार भू-माफियाओं के द्वारा जयलाल राठिया के विरुद्ध षड्यंत्र किया जा रहा था। जयलाल राठिया के सभी प्रकरणों में जल्द ही फैसला आने वाला था। ऐसे में स्वस्थ्य जयलाल राठिया की अचानक मौत की खबर ने खरसिया सहित छत्तीसगढ़ के राजनीति में भूचाल ला दिया है।
पुलिस बता रही है कि स्वाभाविक मौत
जयलाल राठिया की मौत की खबर जैसे ही फैली खरसिया में चारो तरफ सनसनी फैल गया। जब जयलाल की मौत पर ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताया, तब आनन् फानन में पुलिस बल मौके पर पहुंच कर मामले की जाँच करने में जुटी तब तक परिजनों के द्वारा जयलाल राठिया के मृत शरीर को जलाया जा चुका था। जिससे जयलाल के स्वाभाविक मौत अथवा अनहोनी पर से पर्दा नही उठ सका। हालांकि परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस जयलाल की मौत को स्वाभाविक मौत बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस जयलाल के परिजनों के बयान के आधार पर जयलाल की मौत को प्राकृतिक बताने की बात कर रही है।
परिजनों के बयान के अनुसार प्राकृतिक मौत- एसडीओपी
इस संबंध में खरसिया एसडीओपी अषोक वाडेगांवकर से बात किये जाने पर उन्होने कहा कि हमारे द्वारा मौका मुआयना किया गया एवं मृतक जयलाल राठिया के परिजनों के बयान के आधार पर प्राकृतिक मौत जान पडती है।
मृत हालत में लाया गया था-डॉ. सौरभ
घटना के संबंध में खरसिया अस्पताल के डॉ. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि सुबह मृत हालात में कोई शव लाया गया था। मेरे द्वारा मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए समझाइश दी गई थी, लेकिन वो नही माने।
मृतक की एंट्री अस्पताल में नही- सिविल अस्पताल प्रभारी
इस संबंध में सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. सजन अग्रवाल ने कहा है कि मृतक को हॉस्पिटल लाने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराना आवश्यक है। डॉ. सौरव ने पोस्टमार्टम क्यों नही कराया पता करना पड़ेगा, लेकिन जयलाल राठिया नाम के किसी मरीज का भर्ती रजिस्टर में एंट्री नही है।
बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार करना संदेहास्पद
जब जयलाल राठिया को मृत अथवा गम्भीर स्थिति में सिविल अस्पताल खरसिया लाया गया, तो फिर उसका एंट्री आपातकालीन रजिस्टर में क्यों नही किया गया । यदि जयलाल को अस्पताल में मृत अथवा जीवित अवस्था में भर्ती किया गया था, तो फिर उसका पोस्टमार्टम क्यों नही किया गया है। आनन फानन में लाश का अंतिम संस्कार एवं सामान्य सर्दी खांसी से मौत की बात से जयलाल राठिया की मौत संदिग्ध परिस्थिति में होने की तरफ इशारा करती है।


