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किसान पाइप का डुप्लीकेट बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा, करोड़ों का माल सील

पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में कमानी की बिक्री करोड़ो रूपये घट गई थी। जबकि मार्केट में डिमांड थी, डुप्लीकेसी की वजह से कम्पनी को करोड़ो रूपये का नुकसान हर महीने हो रहा था। वहीं सरकार को भी टेक्स का नुक्सान हो रहा था। साथ ही आम लोगों को नकली पाइप खरीदना पड़ रहा था

किसान पाइप का डुप्लीकेट बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा, करोड़ों का माल सील
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- गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: किसान इरीगेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को लगातार शिकायत मिल रही थी की ग्वालियर के आस पास कहीं फेक्ट्री में किसान चैंपियन और किसान शक्ति के नाम से पाइप बनाये व बेचे जा रहे है, जो की हूबहू किसान पाइप तरह दिखते हैं।
कंपनी किसान इरीगेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के रजिस्टर्ड व्यापर चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट स्टाइल का उलंघन कर किसान चैंपियन और किसान शक्ति के नाम से पाइप मार्केट में बेचा जा रहा है। इससे कम्पनी को हर माह करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। कम्पनी
के लीगल एडवाइज़र नवकार एसोसिएट्स के अधिवक्ता नम्रता जैन, विजय सोनी, शुभम पाटीदार, कृष्णा तिवारी द्वारा नक़ल कर रही पाइप की कंपनी पर शनिवार को बड़ी कार्यवाही की गई।
डुप्लीकेसी की सूचना के पुख्ता होने पर किसान इरीगेशन के द्वारा दिल्ली वाणिज्यीक न्यायायलय में नवकार एसोसिएट्स के द्वारा वाद दायर किया गया। दिल्ली कोर्ट के द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर ब्रजेश ओबेरॉय ने लोकल पुलिस के सहयोग से बानमोर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित टेक्मो परिसर में पहुंच कर कार्यवाही कर पाइप जब्त किया।
लीगल एडवाइजर विजय सोनी ने बताया कि लोकल कमिश्नर के निर्देशन में कार्यवाही में पाया गया की बानमौर स्थित टेक्मो फेक्ट्री में किसान के रजिस्टर्ड व्यापर चिन्ह और रजिस्टर्ड कॉपीराइट का उलंघन कर किसान चैंपियन और किसान शक्ति के नाम से पाइप बनाया व बेचा जा रहा है जिसे लोकल कमिश्नर के द्वारा सर्च एंड सीज़ कर मॉल सील किया गया।
यहाँ पर सुप्रीम के नाम से भी पाइप काफी मात्रा में स्टोर था, जो असली की जगह डुप्लीकेट हो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। जब लोकल कमिश्नर ने फेक्ट्री के स्टाफ से बात कर मालिक को बुलाना चाहा तो पूरी कार्यवाही के दौरान वह नहीं आया। यह फेक्ट्री राजेश जिंदल और किसी मंगल की है, जो टेक्मो के नाम से पाइप बनाने की लिए पंजिकृत है, लेकिन उसकी आड़ में यहां किसान का करोड़ो का माल पकड़ा गया साथ ही सुप्रीम का माल भी स्टॉक में था। पूरी कार्यवाही के दौरान कोर्ट के आदेश के के वावजूद पुलिस व प्रशासन का किसी भी प्रकार का सहयोग लीगल एडवाइजर टीम को नहीं मिला।
किसान कंपनी के मैनेजर सतेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में कमानी की बिक्री करोड़ो रूपये घट गई थी। जबकि मार्केट में डिमांड थी, डुप्लीकेसी की वजह से कम्पनी को करोड़ो रूपये का नुकसान हर महीने हो रहा था। वहीं सरकार को भी टेक्स का नुक्सान हो रहा था। साथ ही आम लोगों को नकली पाइप खरीदना पड़ रहा था।


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